Kanpur Zoo के 50 वर्ष पूरे, आज मनाई जाएगी स्वर्ण जयंती…देखिए बाइसन और ढोल, चेन्नई से आए जानवर नहीं देख पाएंगे दर्शक, ये है वजह

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर के चिड़ियाघर में रविवार को स्वर्ण जयंती पर बाइसन और ढोल देखिए।

कानपुर के चिड़ियाघर में रविवार को स्वर्ण जयंती पर बाइसन और ढोल देखिए। चेन्नई से आए जानवर दर्शक अभी देख नहीं पाएंगे।

कानपुर, अमृत विचार। चिड़ियाघर की स्वर्ण जयंती पर तिरुपति से आए बाइसन-ढोल दर्शकों को लुभाएंगे। तिरुपति से आए जनवरों को बाहर निकाला गया है। लेकिन चेन्नई से आए जानवर दर्शक नहीं देख पाएंगे। अभी ये जानवर 21 दिन क्वारंटीन रहेंगे। चिड़ियाघर के 50 साल पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह रविवार को मनाया जाएगा। प्राणि उद्यान के निदेशक केके सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले चिड़ियाघर में वन्य जीवों की संख्या में इजाफा हुआ था।

तिरुपति से एक जोड़ी जंगली ढोल, गौर, सफेद शेरनी, दो जोड़ी बाइसन कानपुर प्राणि उद्यान लाए गए थे। स्वर्ण जयंती पर उन्हें दर्शकों के लिए बाहर निकाला गया है। रविवार को यही जानवर दर्शकों  को लुभाएंगे। इसके साथ रंग-बिरंगी विदेशी चिड़ियों का भी दर्शक आंनद लेंगे।

दो दिन पहले चेन्नई प्राणी उद्यान से विनिमय के तहत कानपुर प्राणी उद्यान लाए गए शुतुरमुर्ग, रेटीकुलेटेड पायथन, ग्रीन इगुवाना, भेडिया, माउस डियर को दर्शक नहीं देख पाएंगे। ये सभी जानवर 21 दिन क्वारंटीन रहेंगे और मार्च माह में ही बाहर निकाले जाएंगे। 

ढोल होता जंगली कुत्ता  

तिरुपति से आया ढोल सियार से मिलती-जुलती प्रजाति है। स्वर्ण सियार व अफ्रीकी जंगली कुत्ता के मध्य की यह प्रजाति है। इसकी लंबाई तीन फिट होती है। यह पहाड़ों पर निवास करते हैं। झुंड में शेरों का शिकार करने से भी नहीं डरते हैं। 

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