हल्द्वानी: असली बोतल में नकली तेल... चल रहा GST चोरी का खेल
हल्द्वानी, अमृत विचार। ट्रांसपोर्ट नगर में असली की आड़ में नकली इंजन ऑयल बेचने का धंधा बेखौफ जारी है। इस धंधे में लिप्त थोक कारोबारी जहां वाहन स्वामियों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं जीएसटी की चोरी कर सरकार को भी चूना लगा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर में इंजन ऑयल बेचने वाले कुछ थोक कारोबारी लंबे समय से 'लाल' तेल का 'काला' कारोबार कर रहे हैं। इनके पास रोजाना दिल्ली, रामपुर और रुद्रपुर से बड़ी मात्रा में नकली इंजन ऑयल पहुंचता है। जिसे यह डिमांड के अनुसार पूरे हल्द्वानी शहर और पहाड़ तक सप्लाई करते हैं।
बताया जाता है कि अलग-अलग ट्रांसपोर्ट के जरिये आने वाला नकली इंजन ऑयल बिना बिल आता है। इसमें न ही कोई जीएसटी का भुगतान होता है। हैरानी की बात है कि लाखों रुपये का नकली इंजन ऑयल बिना रोक टोक के आसानी से कारोबारियों तक पहुंच जाता है। इसे बेचने वाले थोक कारोबारी जहां इससे अच्छा मुनाफा कमाते हैं। वहीं इसे लाने वाले ट्रांसपोर्टरों को भी काफी फायदा होता है।
राज्य कर विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर में जिन ट्रकों से नकली इंजन ऑयल हल्द्वानी पहुंचता है, उनकी रास्ते में कहीं चेकिंग नहीं होती है। जबकि अन्य सामान की कई बार चेकिंग होती है। इस खेल में राज्य कर विभाग की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। चर्चा है कि राज्य कर विभाग के कुछ कर्मियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच गहरी सांठगांठ है। जिसके बल पर असली की आड़ में नकली इंजन ऑयल का कारोबार करने वालों का धंधा फलफूल रहा है।
सिर्फ 30 फीसदी असली बाकी सब नकली
वाहनों में डलने वाले इंजन ऑयल की 30 फीसदी की असली खपत है। जबकि 70 फीसदी नकली इंजन ऑयल बिकता है। सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्ट नगर और अन्य दुकानों में इंजन ऑयल के रूप में सबसे ज्यादा नकली की बिक्री होती है। क्योंकि इसके दाम असली के मुकाबते थोड़े कम होते हैं। ग्राहक सस्ते के चक्कर में नकली इंजन ऑयल डलवा बैठते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है।
