Bareilly News: कोल्हू संचालकों के जीवन में मिठास घोल रहा गुड़, ऐसे किया जा रहा तैयार

जिले के कोल्हुओं पर तैयार गुड़ उतराखंड, ओड़ीसा, बिहार, गुजरात समेत कई राज्यों में जा रहा है

Bareilly News: कोल्हू संचालकों के जीवन में मिठास घोल रहा गुड़, ऐसे किया जा रहा तैयार

बरेली, अमृत विचार। गुड़ जिले के कोल्हू संचालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाकर उनके जीवन में मिठास घोल रहा है। उत्तराखंड, ओड़ीसा, बिहार, गुजरात समेत कई राज्यों में यहां का गुड़ जाता है। दावा है कि बिना केमिकल तैयार किया जा रहा यह गुड़ न सिर्फ जायके में बेहतरीन है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बहुत मुफीद है।

जिले में करीब 350 कोल्हू हैं। नवंबर से कोल्हुओं का संचालन शुरू होता है और मार्च तक गुड़ बनाने का काम चलता है। चीनी मिलों से ज्यादा दाम वह भी नकद मिलने के चलते बड़ी संख्या में किसान कोल्हुओं पर गन्ना बेच रहे हैं। कोल्हुओं पर सामान्य गुड़ के साथ मेवा, मूंगफली, काली मिर्च व अन्य चीजें मिलाकर गुड़ तैयार किया जाता है। गुड़ की वैरायटी व क्वालिटी के हिसाब से कीमत 30 रुपये से 300 रुपये तक है। दावा है कि यहां गुड़ बनाने में किसी तरह के केमिकल, चूना या सेलखड़ी का प्रयोग नहीं किया जाता। शुद्ध सरसों का तेल डाला जाता है, जिससे गुड़ मुलायम रहता है। इसके अलावा हल्का सा लाल रंग लगाया जाता है ताकि गुड़ देखने में खूबसूरत लगे।

कोल्हुओं पर तैयार की जाती हैं कई वैरायटी
जिले में कोल्हुओं पर सोंठ, काली मिर्च, काजू-बादाम, नारियल, तिल, मूंगफली, चना-अलसी मिलाकर भी विशेष गुड़ तैयार किया जाता है। सादा गुड़ की कीमत 30 से 35 रुपये प्रतिकिग्रा है। वहीं अलग-अलग वैरायटी वाला गुड़ 100 रुपये से 300 रुपये किलो के भाव से बिकता है। नवाबगंज, बहेड़ी में करीब दो दर्जन कोल्हू विशेष गुड़ तैयार करते हैं। इसे थोक मंडी के अलावा फुटकर में भी बेचते हैं। इसकी बाहर के राज्यों में अच्छी मांग है।

रोजाना बनता है करीब 42 हजार क्विंटल गुड़
एक दिन में एक कोल्हू पर औसतन 100 क्विंटल गन्ने की पेराई होती है। एक क्विंटल गन्ने में करीब 12 किलो गुड़ तैयार होता है। इस हिसाब से प्रतिदिन एक कोल्हू पर करीब 120 किलो गुड़ तैयार होता है। इस तरह जिले में 350 कोल्हुओं पर करीब 42 हजार क्विंटल गुड़ तैयार होता है।

हमारे काेल्हू पर गुड़ की कई वैरायटी हैं। मेवा, मूंगफली काे मिलाकर तैयार गुड़ अलग- अलग रेट में बिकता है। राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों में इसकी सप्लाई है। ऑर्डर पर भी गुड़ तैयार करते हैं। थोक के साथ फुटकर भी बिकता है। मेवा, नारियल, मूंगफली, सोंठ के गुड़ की पैकिंग कराके लोग रिश्तेदारों को भेजते हैं-अविनेश गंगवार, कोल्हू संचालक।

एक क्विंटल गन्ने में 12 किलो गुड़ तैयार हो जाता है। सारा खर्च निकालकर करीब 20 रुपये प्रति किलो की बचत होती है। इसे बेचने में भी ज्यादा परेशानी नहीं होती है। व्यापारियों से फोन पर ही सौदा हो जाता है और वे घर से ही गुड़ उठाकर ले जाते हैं। उत्तराखंड समेत अन्य कई राज्यों में गुड़ की अच्छी डिमांड हैं- रामू, गरगइया, नवाबगंज।

जिले के कोल्हुओं पर बिना किसी केमिकल के गुड़ तैयार किया जाता है। यही वजह है कि अन्य राज्यों में भी यहां के गुड़ की डिमांड बढ़ रही है। पहले उत्तराखंड समेत कुछ एक राज्यों में गुड़ जाता था। अब ओड़ीसा, गुजरात से भी डिमांड आ रही है। इससे कोल्हू संचालकों की बल्ले-बल्ले है-मनीष शुक्ला, सहायक आयुक्त चीनी।

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