वादा तेरा वादा: अधूरी पड़ी सड़क, बिजली की रोशनी को भी तरस रहा रामगढ़ गांव, सीएम योगी के वादे को भूले अफसर!  

बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे रामगढ़ गांव के वनटांगिया परिवार 

वादा तेरा वादा: अधूरी पड़ी सड़क, बिजली की रोशनी को भी तरस रहा रामगढ़ गांव, सीएम योगी के वादे को भूले अफसर!  

राज शुक्ला, मनकापुर (गोण्डा)। "जो उलझकर रह गयी है फाइलों के जाल में, गांव तक वो रोशनी आयेगी कितने साल में।" जनकवि स्वर्गीय अदम गोंडवी की यह पंक्तियां नवाबगंज ब्लाक के वनटांगिया गांव रामगढ़ पर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। इस गांव तक बिजली की रोशनी पहुंचाने के लिए बिजली की लाइन तो बना दी गयी लेकिन ट्रांसफॉर्मर नहीं दिया गया। अब बिना ट्रांसफॉर्मर यह लाइन बेकार पड़ी है और गांव को लोग महीनों से रोशनी का इंतजार कर रहे हैं।
 
टिकरी रेंज के बगल वनटांगिया गांव रामगढ़ के बाशिंदे बदहाली को बीच गुजर बसर कर रहे हैं। यह गांव आज भी गांव आवागमन, पेयजल, विद्युत व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। गांव की निर्माणाधीन सड़क अधूरी पड़ी है तो बिजली के लिए ट्रांसफॉर्मर न लगने से यह काम भी पूरा नहीं हो सका है।
 
नवाबगंज ब्लाक क्षेत्र के वनग्राम रामगढ़ में करीब 55 परिवार रहते हैं‌‌। वर्ष 2017 में प्रदेश कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगियां परिवारों को उनके मूलभूत अधिकार देकर उन्हे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल की थी। सीएम की पहल के बाद रामगढ़ गांव में रहने वाले वनटांगिया परिवारों को जमीन, आवास व सौर ऊर्जा का लाभ तो मिल गया लेकिन गांव में पक्का सड़क और बिजली रोशनी नहीं पहुंच सकी।
 
आवागमन, पेयजल व स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गांव की दशा अत्यंत खराब है। प्रशासनिक जिम्मेदारों की उदासीनता से वनटांगिया गांव में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हे विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की सरकार की पहल खटाई में पड़ गयी है। 
 
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डीएम की पहल पर शुरू हुआ कार्य भी अधूरा 
वनटांगिया परिवारों के प्रति सरकार और मुख्यमंत्री को लगाव को देखते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस गांव में वनटांगिया परिवारों के बीच दीपावली मनाई थी। उन्होंने भी गांव में सड़क, बिजली और अस्पताल की सुविधा मुहैया कराने का भरोसा दिलाया था। डीएम के निर्देश के बाद गांव में जाने के लिए सड़क पर इंटरलॉकिंग का कार्य तो शुरू किया गया लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। चार महीना बीतने के बाद भी सड़क अधूरी है और बिजली का ट्रांसफॉर्मर नहीं लग सका है। 
 
सीएम की सराहना, अफसरों पर आरोप 
रामगढ़ के वनटांगिया परिवार सीएम योगी को मुरीद हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने हर सुविधा देने का निर्देश दिया था। सीएम के निर्देश पर ही उन्हे आवास, जमीन,राशन कार्ड जैसी सुविधा मिली। उन्हे पहचान मिली और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर भी मिला  लेकिन सड़क, बिजली,स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं अब भी गांव से दूर हैं। इसके लिए ग्रामीण प्रशासनिक अफसरों की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराते हैं।
 
गांव के विजयराज कहते है आवास और जमीन के बाद अन्य सुविधाएं नही मिल पाई। गांव में बिजली के खंभे तो लग गए लेकिन ट्रांसफॉर्मर नहीं लगा। इससे गांव को लोग बिजली की रोशनी के लिए तरस रहे हैं। गांव के रास्ते जस के तस है। सुनील कुमार का कहना है गांव में अभी तक न लाइट की व्यवस्था हुई और अन्य सुविधाएं।‌ गांव में स्कूल, अस्पताल बनाने की बात हुई थी लेकिन वह  भी नहीं हो सका। 
 
ब्रजेश कुमार कहते है गांव में जल निकासी के लिए न शॉकपिट है और न नाली बनाई गई। गांव के सभी परिवार को आवास के साथ पशुशेड भी मिलना था।  50 परिवारों में से केवल 8 लोगो को मिला है। वह  भी आधा अधूरा बनाया गया है। कुबेर ने बताया कि गांव के लोगों के लिए इलाज की व्यवस्था नजदीक में नहीं है। किसी की तबीयत खराब होने पर उन्हें आठ किलोमीटर मनकापुर या फिर जिला अस्पताल जाना पड़ता है।
 
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एसडीएम बोले- विकास की जिम्मेदारी बीडीओ की
रामगढ़ गांव में हो रहे विकास कार्यों की शिथिलता पर जवाब एसडीएम तरबगंज भारत भार्गव से जानकारी की गयी तो उन्होने कहा यह उनकी नहीं बीडीओ की जिम्मेदारी है। इस संबंध में बीडीओ ही जानकारी दे सकते हैं।
 
रामगढ़ गांव में इंटरलाकिंग के अधूरे कार्य को जल्द पूरा कराया जायेगा। पशु शेड आवंटन में नगर गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच करायी जायेगी। बाकी बिजली व अन्य विकास कार्य दूसरे विभाग से संबंधित हैं। इसकी जानकारी बड़े अफसर ही दे सकते हैं। 
 
                                                                                                            विजयकांत मिश्रा, बीडीओ, नवाबगंज
 

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