गोंडा: शिक्षकों की कमी व ठहराव न होने से कुंद पड़ी व्यावसायिक शिक्षा की धार, छात्रों की टूटी हुनरमंद बनने की आस!

करोड़ों का संस्थान और लाखों की मशीनों से अफसरों ने फेरी आंखें, महज शोपीस बन गए शिक्षा के संसाधन

गोंडा: शिक्षकों की कमी व ठहराव न होने से कुंद पड़ी व्यावसायिक शिक्षा की धार, छात्रों की टूटी हुनरमंद बनने की आस!

अफसरों की अनदेखी से हुनर तराशने में फिसल रहे आईटीआई के हाथ

उमानाथ तिवारी, गोंडा। जिले के युवाओं को रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से परसपुर में संचालित आईटीआई के हाथ हुनर तराशने में फिसल रहे हैं। शिक्षकों की कमी व ठहराव न होने से संस्थान में व्यावसायिक शिक्षा की धार कम पड़ी है। करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए इस संस्थान और लाखों की मशीनों से अफसरों ने अपनी आंखे फेर रखी हैं जिससे यह संसाधन महज शोपीस बनकर रह गए हैं। 

वर्ष 2013-14 में प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने करनैलगंज विधायक व सरकार में मंत्री रहे योगेश प्रताप सिंह की मांग पर परसपुर में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आईटीआई) की सौगात दी थी। उम्मीद थी कि इस संस्थान से ग्रामीण अंचलों में रहने वाले युवा हुनरमंद बन सकेंगे। इस सौगात से युवा भी गदगद थे कि अब वह रोजगार परक शिक्षा हासिल कर खुद के पैरों पर खड़े हो सकेंगे, लेकिन सरकार बदलते ही इस संस्थान का निर्माण शिथिल पड़ गया।

निर्माण रुकने से युवाओं की उम्मीद भी मंद हो गयी। हालांकि बाद में योगी सरकार ने न सिर्फ इसका निर्माण पूरा कराया बल्कि यहां तमाम संसाधन उपलब्ध कराते हुए इसे संचालित किए जाने का निर्देश भी दिया। सरकार के फरमान पर इसे संचालित तो कर दिया गया लेकिन शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी।

चालू सत्र में इस संस्थान में 396 छात्र छात्राओं ने विभिन्न ट्रेडों की पढ़ाई के लिए प्रवेश ले रखा है लेकिन शिक्षकों की कमी व ठहराव न होने से यहां व्यावसायिक शिक्षा की धार कुंद पड़ी है। यह संस्थान एक पूर्णकालिक शिक्षक व चार आउटसोर्सिंग शिक्षकों के भरोसे पर चल रहा है।‌ यहां तैनात प्रधानाचार्य के पास मुख्यालय स्थित संस्थान का चार्ज होने के कारण वह यहां नहीं पहुंच पाते।

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शुक्रवार को प्रधानाचार्य कक्ष व कार्यादेशक कक्ष बंद रहा। इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक कार्यशाला, कार्यशाला गणना कक्ष व लाइब्रेरी कक्ष पर भी ताला लटकता मिला। मौके पर मौजूद फोरमैन हनुमान प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की कमी है। फिर भी उपलब्धता के आधार पर कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। 

आउटसोर्स के सहारे फैशन डिजाइनिंग व सिलाई की ट्रेनिंग 

संस्थान में फैशन डिजाइनिंग व सिलाई की 40-40 सीटें हैं लेकिन इसकी ट्रेनिंग देने के लिए शिक्षक की तैनाती नहीं है। सिलाई की ट्रेनिंग आउटसोर्स व फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई अप्रेंटिंस कर रही ट्रेनर के भरोसे है। सिलाई के ट्रेड में 10 छात्राओं का नामांकन है जबकि फैशन डिजाइनिंग में करीब 30 छात्राओं का नामांकन है।

कंप्यूटर को छोड़ अन्य सभी ट्रेड में नहीं है शिक्षक की तैनाती

संस्थान में इलेक्ट्रीशियन, फिटर, आरएसी, टर्नर, मैकेनिक मोटरव्हीकल,इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, कोपा,वेल्डर, कास्मेटोलॉजी,फैशन टेक्नोलॉजी व सिविंग टेक्नोलॉजी समेत 12 ट्रेड हैं लेकिन कंप्यूटर शिक्षा को छोड़ अन्य किसी ट्रेड में शिक्षक की तैनाती नहीं है। कंप्यूटर शिक्षा के लिए शिक्षक मनीष कुमार की तैनाती है। अन्य सभी ट्रेड खाली पड़े हैं। 

फैक्ट फाइल

ट्रेड -     12
सीटें -   396
स्वीकृत पद- 50
शिक्षकों के स्वीकृत पद - 24
शिक्षकों की तैनाती- एक पूर्णकालिक व 4 आउटसोर्स
कार्यादेशक- 3

किस ट्रेड में कितनी सीटें

ट्रेड                                       सीटें 
इलेक्ट्रीशियन                           20
फिटर                                     20
आरएसी                                 24      
टर्नर                                       20
मैकेनिक मोटरव्हीकल               24
इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक                24
कोपा                                      48
वेल्डर                                      40
कास्मेटोलॉजी                           48        
फैशन टेक्नोलॉजी                      40
सिविंग टेक्नोलॉजी                     40

मेरे पास मुख्यालय स्थित आईटीआई का भी चार्ज है इसलिए पिछले 15 दिनों से मैं नियमित रूप से संस्थान नहीं जा पा रहा हूं। शिक्षकों की भी कमी है। इसकी जानकारी विभाग को भेजी गयी है। अगले सत्र में शिक्षकों की तैनाती होने की उम्मीद है। फिर भी जो शिक्षक हैं उनसे बेहतर कराने का प्रयास किया जा रहा है। 

                                                                                            प्रभुनाथ मिश्रा, प्रधानाचार्य, आईटीआई, परसपुर

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