समाधान दिवस में पहुंचे वृद्ध, बोले-हूजूर हम जिंदा हैं ......! 

कागजों के जोर से टूट रही वृद्धा पेंशन धारकों की लाठी, लगाई कलेक्टर से गुहार 

समाधान दिवस में पहुंचे वृद्ध, बोले-हूजूर हम जिंदा हैं ......! 

काशीनाथ दीक्षित/ दरियाबाद/ बाराबंकी, अमृत विचार। कागजों में मृत्यु दर्ज होने से वृद्धावस्था पेंशन धारकों के बुढ़ापे में मिलने वाली एक हजार रुपया प्रति माह की पेंशन की लाठी टूट गई। शनिवार को तहसील सिरौली गौसपुर में आयोजित समाधान दिवस में समाज कल्याण विभाग के कारनामे से कागजों में मुर्दा हुए पेंशन धारक दो बुजुर्गो ने शिकायत की है। 

ब्लॉक सिरौली गौसपुर में समाज कल्याण विभाग का नया कारनामा सामने आया विकास खंड अंतर्गत हजरतपुर गांव में यू तो दर्जनों बुजुर्गो की पेंशन कागज पर मृत्यु दिखाकर काट दी गई है। लेकिन इसी गांव के निवासी राम लखन पुत्र भगवान दीन व परस राम पुत्र स्व राजा राम ने आयोजित समाधान दिवस में जिला अधिकारी से शिकायत की है। हजरतपुर निवासी परसराम का कहना है कि एक साल से चक्कर काट रहे है जहां जाओ वहां हमें मुर्दा बताया जाता है।

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जीवित होते हुए सरकारी रिकार्ड में मृत दिखा कर बुढ़ापा, विधवा पेंशन काटे जाने  के बाद पीड़ितों ने कहा कि पिछले एक साल से उन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। जब पेंशन कटने को लेकर अधिकारियों के ऑफिस गए तो उन्होंने बताया कि आप सरकारी रिकार्ड में मृत हो चुके है। उन्होंने आरोप लगाया कि जीवित होने के बावजूद हम लोगों को मृत दिखाकर पेंशन काटी गई है। 

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पीड़ितों ने कहा कि बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटने के बावजूद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। सरकार द्वारा दी जा पेंशन हम बुजुर्गो का सहारा है। लेकिन हमको कागजों पर मार दिया गया है। परस राम ने बताया की गांव में दर्जनों लोगो को मरा हुआ  दिखाकर पेंशन काट दी है, अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, जहाँ जाओ वहा हमें खुद को जिन्दा साबित करना होता है। यही कहना राम लखन का भी है। राम लखन ने बताया कि अब हम अपने जिंदा होने का प्रमाण विभाग को कैसे दें। सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि क्या हम चलते फिरते मुर्दे हैं। 

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