बरेली: ...तो फिर आंवला में कहीं आग लगी तो बुझा नहीं पाएंगे

पंद्रह दिन में खाली करना है भवन, अग्रिशमन विभाग के अधिकारियों में खलबली

बरेली: ...तो फिर आंवला में कहीं आग लगी तो बुझा नहीं पाएंगे

बरेली, अमृत विचार। गर्मियों में ही अग्निकांड होते हैं और गर्मी शुरू होने से ऐन पहले आंवला में मंडी समिति भवन में 13 साल से चल रहा अग्निशमन केंद्र बंद होने की आशंका पैदा हो गई है। उपनिदेशक मंडी की ओर से 15 दिन के अंदर अग्निशमन केंद्र हटाने के साथ अब तक के किराए के साढ़े 11 लाख भी वसूलने का आदेश दिया गया है। सीएफओ की ओर से इसके बाद डीएम को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि अग्निशमन केंद्र बंद हुआ तो मुख्यालय 50 किमी दूर आंवला कहीं कोई अग्निकांड होने पर समय से फायर ब्रिगेड का पहुंचना असंभव साबित होगा।

आंवला की कृषि उत्पादन मंडी समिति के परिसर के कुछ भवनों में अस्थाई रूप से करीब 13 साल से अग्निशमन केंद्र चल रहा है। हालांकि अग्निशमन केंद्र के निजी भवन के निर्माण के लिए गांव नगरिया सतन में 1.012 हेक्टेयर भूमि काफी समय से आरक्षित है लेकिन शासन से बजट का आवंटन न होने के कारण आंवला के अग्निशमन केंद्र का का इस जमीन पर अब तक निर्माण नहीं कराया जा सका है। बजट के लिए अग्निशमन एवं आपात सेवा मुख्यालय को जनपद स्तर से कई बार पत्र भी लिखे जा चुके हैं, जिन्हें हर बार जल्द बजट मंजूर कराने का आश्वासन देकर टाला जा चुका है।

सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा ने डीएम को पत्र लिखा है कि आंवला कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव ने अग्निशमन केंद्र प्रभारी को 19 फरवरी को पत्र लिखा है। इसमें उप निदेशक (प्रशासन एवं विपणन) के आदेश का हवाला देते हुए मंडी समिति परिसर में चल रहे अग्निशमन केंद्र पर कड़ी आपत्ति जताई है। भवनों को 15 दिन के अंदर खाली कराने के साथ किराए के 11.5 लाख का भुगतान करने को कहा है।

सीएफओ का कहना है कि आंवला से बरेली की दूरी करीब 50 किमी है। वहां से अग्निशमन केंद्र हटा तो आंवला में कोई अग्निकांड होने पर जिले के किसी दूसरे अग्निशमन केंद्र से मदद पहुंच पाना संभव नहीं होगा और भारी जन-धन की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने डीएम से आंवला में आरक्षित भूमि पर अग्निशमन केंद्र का निर्माण होने तक उसे मंडी समिति परिसर में ही चलने देने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

एसएसपी ने भी डीएम को लिखी चिट्ठी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए 22 फरवरी को एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने भी डीएम को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने डीएम से आंवला में अग्निशमन केंद्र के लिए आरक्षित भूमि पर भवन का निर्माण होने तक उसे मंडी समिति के ही भवन में रहने देने की अनुमति के औचित्य पर विचार करने का आग्रह किया है।

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