कासगंज: झोलाछाप के इलाज से चली गई मासूम की जान, 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देने का आदेश 

कासगंज: झोलाछाप के इलाज से चली गई मासूम की जान, 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देने का आदेश 

कासगंज, अमृत विचार: झोलाछाप जगह-जगह दुकान खोले बैठे हैं। उन पर कोई लाइसेंस भी नहीं है। मनमानी ढंग से उपचार कर रहे हैं और उनकी मनमानी लोगों की जान ले रही है। एक मासूम की जान पिछले साल नवंबर माह में झोलाछाप ने ले ली। मासूम के पिता ने स्थाई लोक अदालत में न्याय के लिए प्रार्थना पत्र पर अदालत में दिया। अदालत ने संज्ञान लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और झोलाछाप को नोटिस जारी किए। उसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है।

 प्रार्थना पत्र पटियाली क्षेत्र के गांव गिरधारीपुरा निवासी धुर्व ने स्थाई लोक अदालत में दाखिल किया। इसमें उन्होंने लिखा कि उनका एक साल का बेटा देवांश बीमार हो गया। उसे बुखार आया तो दरियावगंज में एक चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। चिकित्सक सलीम खान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। 

उन्होंने बेटे को दवा दी तो हालत और बिगड़ने लगी। जब उनसे कहा गया कि हालत बिगड़ रही है तो कह दिया कि इलाज चल रहा है तुम शांत बैठो। इलाज की एवज 10 हजार रुपए भी जमा कर लिए। उसके बाद मासूम की जान चली गई। पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर स्थाई लोक अदालत ने नोटिस जारी किया। 

सीएमओ ने अपने जवाब में लिख दिया कि निरीक्षण किया गया तो दुकान बंद पाई गई और संबंधित सलीम का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसके बाद दोनों पक्षों को सुना गया। झोलाछाप न्यायालय में उपस्थित हुआ। मासूम के पिता ने 10 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति मांगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद, सदस्य बसंत शर्मा एवं डॉ. सपना अग्रवाल ने संयुक्त रूप से अपना फैसला सुना दिया और 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति पीड़ित के परिवार को देने के आदेश जारी कर दिए। एक माह में धनराशि स्थाई लोक अदालत के स्टेट बैंक के खाते में झोलाछाप को जमा करनी होगी।

स्थाई लोक अदालत में प्रार्थना पत्र आया। दोनों पक्षों को सुना गया।  सीएमओ और झोलाछाप को नोटिस जारी किए गए। फिर निर्णय लिया गया कि क्षतिपूर्ति दिलाई जाए। 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए गए हैं---बसंत शर्मा, सदस्य स्थाई लोक अदालत।

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