हल्द्वानी: जिले के मतदाताओं की तर्जनी पर लगेगी 2640 शीशी अमिट स्याही

हल्द्वानी: जिले के मतदाताओं की तर्जनी पर लगेगी 2640 शीशी अमिट स्याही

हल्द्वानी, अमृत विचार। चुनाव में मतदान के बाद तर्जनी उंगली में लगाए जाने वाली नीली स्याही का विशेष महत्व है। आगामी लोकसभा चुनाव में जिले के करीब 6,77976 मतादाताओं की तर्जनी उंगलियों पर लगाने के लिए नीली स्याही की 2640 शीशी आई हैं। जिले में कुल 1010 बूथों के लिए 1200 किट बने हैं और प्रत्येक किट में स्याही की दो शीशी रखी गई हैं लेकिन जिन बूथों पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, वहां अतरिक्त शीशियों की व्यवस्था की गई है। 

एक शीशी में 10 एमएल स्याही होती है, जो कि करीब 700 उंगलियों पर लगाई जा सकती है। इस बार चुनाव आयोग ने लोकसभा की कुल 543 सीटों के लिए करीब 55 करोड़ रुपये से स्याही की 26.55 लाख शीशियां खरीदी हैं। हालांकि, साल 2019 में चुनाव आयोग ने स्याही की 26 लाख शीशियां खरीदी थीं, जिस पर 33 करोड़ रुपये का खर्च आया था। 

साल 1962 में पहली बार इस स्याही का इस्तेमाल किया गया था। तब 3.89 लाख शीशियों का उपयोग हुआ था। इस पर 2.27 लाख रुपये खर्च हुए थे। आगामी लोकसभा चुनाव में अमिट स्याही के इस्तेमाल को भी 62 साल हो जाएंगे। 
देश में एक ही कंपनी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लि. (एमपीवीएल) इस स्याही को बनाती है। कंपनी की स्याही की मांग कनाडा, मालदीव, घाना, नाइजीरिया, मंगोलिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका सहित दो दर्जन देशों में है।

शिकायत के बाद हुआ स्याही का इस्तेमाल
चुनावों में गड़बड़ी की शिकायत आने के बाद मतदाताओं की तर्जनी उंगली में अमिट स्याही लगाई जाने लगी। स्याही इस बात के प्रमाण के रूप में लगाई जाती है कि संबंधित व्यक्ति ने अपने वोट डाल दिया और इसे जल्दी मिटाना आसान नहीं होता है। ऐसा करने के बाद चुनावों में होने वाली धाधलियों पर काफी हद तक रोक लगी।