बरेली: कार-बाइक खरीदने वालों ने 13.2 फीसदी बढ़ाया जीएसटी कलेक्शन

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Published By Vishal Singh
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पूरे वित्तीय वर्ष में 1483 करोड़ का जीएसटी वसूल किया विभाग ने, इसमें 381 करोड़ ऑटोमोबाइल सेक्टर से

बरेली, अमृत विचार। रोटी-कपड़ा और मकान जैसी अपनी मूलभूत जरूरतों से भी ज्यादा खर्च अब लोग कार और बाइक खरीदने पर कर रहे हैं। गुजरे वित्तीय वर्ष में जीएसटी के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। जीएसटी विभाग ने पूरे साल में करीब 1483 करोड़ का टैक्स संग्रह किया है जिसमें से 381 करोड़ यानी करीब एक तिहाई हिस्सा ऑटोमोबाइल सेक्टर से आया है। इसी की बदौलत पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों में 13.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

जीएसटी विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में बरेली जोन के चारों जिलों में 1483.43 करोड़ रुपये की जीएसटी की अदायगी की गई है। साल 2022-23 में यह आंकड़ा 1310.52 करोड़ रुपये था। 13.19 प्रतिशत की इस वृद्धि में ऑटोमोबाइल सेक्टर के अलावा दूसरे नंबर कॉन्ट्रैक्ट वर्क का योगदान है जिसने 133 करोड़ की जीएसटी अदा की है। इसके अलावा सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार से से 51 करोड़ और खाद्य तेलों से 63 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला है। करीब दो करोड़ रुपये पिछले साल का बकाया भी रह गया है।

जीएसटी कलेक्शन में दरों का भी खेल

पांच प्रतिशत
खाद्य तेल, पिज्जा ब्रेड, नमकीन, इमारत का पत्थर, बायो गैस, रेशम का धागा, सूती सिलाई का धागा।

12 प्रतिशत
गाढ़ा दूध, सूखे मेवे, सर्जिकल दस्ताने, लकड़ी की मूर्तियां, एल्युमीनियम के घरेलू सामान, ड्रिप सिंचाई उपकरण, साइकिल, चश्मे के लेंस, छाते आदि।

18 प्रतिशत
27 इंच तक के टीवी, मोबाइल फोन, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, गीजर, कूलर, पंखा, एलपीजी स्टोव, केक, बिस्कुट, बेकरी आयटम, आइसक्रीम, मेकअप का सामान, शेविंग किट, साबुन, पॉलिश, टॉयलेट पेपर, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने। 28 प्रतिशत ऑनलाइन गेमिंग, कैफीन युक्त पेय पदार्थ, एयर कंडीशनर आदि।

एसआईबी ने भी मारे रिकार्डतोड़ छापे
बरेली जोन में जीएसटी कलेक्शन में एसबीआई की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अधिकारियों के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में एसआईबी ने कुल मिलाकर 45,868 वाहन चेक किए। इनमें से 16547 वाहनों में भरे माल पर टैक्स अदा नहीं किया गया था। इसके अलावा 144 व्यापारियों पर भी छापे मारकर 23.4 करोड़ से ज्यादा का माल जब्त किया गया। बरेली में गाला गैलेक्सी, गाला क्रॉकरीज, कोकाकोला, प्लाईवुड फैक्ट्री समेत कई बड़े संस्थानों पर छापे मारकर करोड़ों रुपये सरकारी खाते में जमा कराए गए।

व्यापारियों की जागरूकता भी इसकी एक वजह है। व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक कर उन्हें जीएसटी में पंजीकरण कराने के लिए कहा जाता है। टीमें लगातार जांच करती हैं। इसी कारण रिकॉर्ड वसूली हुई है -ओम प्रकाश चौबे, एडिशनल कमिश्नर, ग्रेड-1।

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