प्रयागराज: पेड़ों के कटाव से संबंधित याचिका की सुनवाई से पीठ ने खुद को किया अलग

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रयागराज स्थित सी.वाई.चिंतामणि रोड के चौड़ीकरण के कारण काटे जा रहे पेड़ों को रोकने के लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव नितिन शर्मा की ओर से एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि महाकुंभ के नाम पर सड़कों के चौड़ीकरण में 50 साल पुराने घने वृक्षों को काटा जा रहा है। वृक्षों को काटने से गर्मी के मौसम में लोगों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और ऑक्सीजन की कमी होने की संभावना बनी रहेगी। विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई गलत है। ऐसा करके हाईकोर्ट द्वारा पारित पूर्व आदेशों की अवहेलना की जा रही है। 

याचिका के जवाब में प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि जितने भी पेड़ काटे जाएंगे, उसके 10 गुना पौधारोपण का काम सरकार द्वारा किया जाएगा। महाकुंभ 2025 के मद्देनजर प्रयागराज में 1.49 लाख पौधे लगाने की योजना है। यह काम वन विभाग की तरफ से होना है और इसके लिए कुंभ के बजट में व्यवस्था की गई है। अंत में याचिका में संलग्न तथ्यों की अपर्याप्तता और सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए पीठ ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए इसे अन्य पीठ के समक्ष स्थानांतरित कर दिया। गुरुवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ के समक्ष हुई और शुक्रवार को भी यह सुनवाई जारी रहेगी।

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