पीलीभीत: तेजाब पिलाकर प्रेमिका की जान लेने का मामला...घटना के दिन सीएचसी से भेजा गया था मेमो, मगर जिम्मेदार रहे बेखबर

 पीलीभीत: तेजाब पिलाकर प्रेमिका की जान लेने का मामला...घटना के दिन सीएचसी से भेजा गया था मेमो, मगर जिम्मेदार रहे बेखबर

पीलीभीत/पूरनपुर, अमृत विचार। शादी करने के लिए दबाव बना रही प्रेमिका को तेजाब पिलाकर जान लेने के मामले में पुलिस अब सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है। युवती की मौत के बाद आनन-फानन में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। मगर, इस घटना को लेकर भले पूर्व में शिकायत नहीं की गई थी, लेकिन घटना के दिन ही सीएचसी से मेमो कोतवाली भेजा गया था। मगर उस वक्त जिम्मेदार बेखबर रहे। 

हालांकि अब कोतवाली की जीडी में मेमो पहुंचने का जिक्र न होने की बात कहकर साख बचाई जा रही है। सवाल ये है कि मेमो कोतवाली पहुंचा ही नहीं या फिर पहुंचने के बाद भी पुलिस ने लापरवाही बरती। फिलहाल परिवार ने अब आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कोतवाली में क्षेत्र की एक युवती की आरे से एक अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें बताया था कि मकान के सामने रहने वाले अरमान से उसका प्रेम प्रसंग था। शादी का झांसा देकर उसने कई बार शारीरिक संबंध बनाए। एक बार गर्भपात भी कराया था। 

जब 18 फरवरी को शादी के लिए दबाव बनाया तो आरोप है कि अरमान ने उसे जबरन तेजाब पिला दिया था। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ी। आनन-फानन में पहले परिजन ने सीएचसी भर्ती कराया। वहां से जिला अस्पताल और फिर लखनऊ के अस्पताल में इलाज चला था।  हालत में सुधार न होने पर परिजन वापस ले आए थे।  पांच अप्रैल की रात पीड़िता की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी।  

जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को छह अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया और उसे सात अप्रैल को चालान कर कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है।  पीड़ित परिवार की ओर से तहरीर करीब डेढ़ माह बाद पुलिस को दी गई थी। उनका तर्क है कि वह बेटी का इलाज कराने में व्यस्त थे।  

मगर, पुलिस की लापरवाही भी उजागर हो रही है।  18 फरवरी को जब पीड़िता को सीएचसी ले जाया गया था, तो सीएचसी से मेमो बनाकर कोतवाली भिजवाया गया था। आरोप है कि पुलिस इसे लेकर गंभीर नहीं हुई। अगर उस वक्त संजीदगी दिखाई होती तो तमाम अहम तथ्य भी मिल सकते थे।  

आर्थिक तंगी ने भी डाला इलाज पर असर
पीड़िता के परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है।  उसके पिता नारियल का ठेला लगाते हैं।  बताते हैं कि पर्याप्त पूंजी न होने के चलते युवती के इलाज के लिए चंदा एकत्र किया गया था। 

लखनऊ के अस्पताल में कई दिन तक चले इलाज के बाद जब हालत गंभीर बताई और सुधार नहीं हो पा रहा था तो और बेहतर अस्पताल में ले जाने के बजाए परिवार को उसे घर लाना पड़ा। चूंकि डॉक्टरों ने भी महंगा खर्च होने की बात कही थी। आर्थिक तंग स्थिति ने इलाज पर असर तो डाला लेकिन परिवार ने हरसंभव प्रयास भी किए, लेकिन बेटी को बचा नहीं सके। उधर, आरोपी खुद पर लगाए गए आरोपों को गलत बताता रहा।

मौत की वजह स्पष्ट नहीं, विसरा प्रिजर्व
परिवार ने बताया था कि तेजाब पीने से युवती की जीभ और पेट में जख्म बन गए थे। उसकी आंतें भी तेजाब से गल गई थी। हालात ये थे कि वह कुछ खा भी नहीं पा रही थी। एक तरह से दवा के नाम पर उसे खाना पहुंचाया जा रहा था। जिससे मौत होने की बात कही जा रही थी। युवती के शव का पुलिस ने शनिवार को पोस्टमार्टम कराया था।  रविवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मिल गई, लेकिन मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। विसरा जांच के लिए सुरक्षित किया गया है।  

युवती की मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं हो सकी है। विसरा जांच के लिए सुरक्षित किया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। जिस वक्त घटना हुई थी, उस वक्त उनकी तैनाती नहीं थी। कोतवाली की जीडी को चेक कराया था लेकिन मेमो दर्ज नहीं है। इसके बारे में तत्कालीन कोतवाल को ही अधिक जानकारी होगी।  जब तहरीर मुझे प्राप्त हुई, रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की गई है। - संजीव कुमार शुक्ला, कोतवाल पूरनपुर

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