कासगंज: संगीत के सुरों की सरताज बनने जा रही सोरों की खुशी, अब तक कई कार्यक्रमों में हासिल कर चुकी है सफलता

तीर्थ नगरी की बिटिया पर गौरवांवित हैं सोरों के वाशिंदे

कासगंज: संगीत के सुरों की सरताज बनने जा रही सोरों की खुशी, अब तक कई कार्यक्रमों में हासिल कर चुकी है सफलता

कासगंज, अमृत विचार: बचपन से ही अपनी आवाज से लोगों को आकर्षित करने वाली खुशी अब ऊंचाइयों तक पहुंच रही है। वह छोटे पर्दे की बड़ी सरताज बनने की कोशिश में है। तभी तो अब तक कई कार्यक्रमों में सफलता हासिल करने के बाद अब इंडियन आइडल की ओर कदम आगे बढ़ा दिए हैं। फिलहाल सोमवार को कलाकार कल्याणजी आनंदजी के समक्ष खुशी ने अपनी प्रस्तुति दी है, हालांकि गोपनीयता के कारण सोनी टीवी की ओर से फोटो नहीं दिए गए। जबकि पुराने कार्यक्रम की फोटो तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं।

पिछले ही दिनों तीर्थनगरी की 14 वर्षीय गायिका खुशी नागर को सोनी टीवी के म्यूजिकल कार्यक्रम सुपर स्टार सिंगर के टॉप 15 सिंगर में चयनित किया गया था। खुशी नागर का जन्म तीर्थनगरी में हुआ है। जब वह 6 वर्ष की थी तब उसके पिता मुकेश नागर काम की तलाश में दिल्ली चले गए।

वहां वह रेडीमेड कपड़ों का थोक का कारोबार करते हैं। इधर बेटी में कुछ करने का जज्बा था। स्कूल स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में सभागिता कर उसने संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने का लक्ष्य तय किया। वर्ष 2021 में तारे जमीन पर ऑडिशन में उसने मुकाम हासिल किया और पुरस्कार पाया।

उसके बाद छोटे पर्दे पर उसे फिर से ऑफर आए। अब सोनी टीवी के कार्यक्रम में उसने धूम मचाई है। अब वह इंडियन आइडल की ओर आगे बढ़ रही है। सोमवार को कल्याण जी आनंद जी के समक्ष खुशी ने प्रस्तुति दी है। भले ही कल्याण जी इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आनंद जी आज भी कल्याण जी और आनंद जी के नाम से मशहूर कलाकार माने जाते हैं।

पिता बोले
पिता मुकेश ने बताया कि खुशी कक्षा 10 की छात्रा है, बचपन से ही उसकी गायकी में रुचि रही है। उसने स्कूल स्तर पर व अंतरराज्यीय स्तर पर गायकी के क्षेत्र में कई पुरस्कार भी जीते हैं। मुंबई में हुए सुपर स्टार सिंगर के ऑडिशन में कई चरणों में अंत में वह गायकी की प्रतिभा से टॉप 15 में चुनी गई। खुशी को नेहा कक्कड़ सहित कई कलाकार सम्मानित कर चुके हैं। सोमवार को खुशी ने अपने संगीत की प्रस्तुति कल्याण जी आनंद जी के समक्ष दी है।

ये भी पढ़ें- कासगंज: पुस्तकों के कारोबार में सरकारी राजस्व को लगाया जा रहा चूना