Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र में 9 रातों का पूरा रखना चाहिए व्रत, जानिये उपवास और पारण के नियम
लखनऊ, अमृत विचार। नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा पावन और पवित्र माना जाता है। 9 अप्रैल यानी आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है,17 अप्रैल को नवमी के दिन समापन होगा। समापन के बाद 18 अप्रैल को पारण करने की बात बताई जा रही है।
जानकारों की मानें तो वर्ष में चार बार नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं, इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। पंडित आशीष पाण्डेय के मुताबिक चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन का होता है। जो भी भक्त इस नवरात्रि उपवास का व्रत ले चुके हैं। उन्हें पूरे 9 दिन पर ही पारण करना चाहिए। यानी की 9 रात्रि पूरी होने पर ही उपवास पूरा माना जाता है, उसके बाद पारण का नियम है। इस दौरान साधक यानी की भक्त को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जब वह 9 दिन बाद पारण करे तो सबसे पहले मीठा खाये। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा माना जाता है। इस दौरान तले भुने खाद्य पदार्थों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
व्रत के नियम
पंडित आशीष पाण्डेय ने बताया कि आस्था और विश्वास का पर्व नवरात्रि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। मां की कृपा पाने के लिए भक्त को पूरी श्रद्धा के साथ व्रत की शुरूआत करनी चाहिए। आधे अधूरे मन से किया गया व्रत का कोई महत्व नहीं है।
व्रत के दौरान इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि किसी के प्रति मन में गुस्सा और द्वेष नहीं होना चाहिए। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
दिन में सोने से भी बचना चाहिए। व्रत के दौरान मां के स्वरूप को ध्यान कर मंत्र जप आदि करने से मां का आर्शीवाद मिलना तय हैं। यदि मंत्रों की जानकारी नहीं है तो भी मां का नाम सच्चे मन से लेने मात्र से प्राणी का कल्याण संभव है।
पारण के दौरान दान का विशेष महत्व बताया गया है। पारण के बाद बड़े बुजुर्ग और माता-पिता का आर्शीवाद लेना आवश्यक है। तभी मां प्रसन्न होती हैं।
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