बरेली: ऊपर अपराधियों के सफाए का दावा...नीचे यह कैसा संदेश, हिस्ट्रीशीटर संदेश कन्नौजिया की भाजपा में एंट्री

हाईकमान से अनुमति नहीं मिली तो गुपचुप ढंग से बरेली में ही किया शामिल

बरेली: ऊपर अपराधियों के सफाए का दावा...नीचे यह कैसा संदेश, हिस्ट्रीशीटर संदेश कन्नौजिया की भाजपा में एंट्री

बरेली, अमृत विचार। हत्या समेत तमाम संगीन अपराधों के आरोपी हिस्ट्रीशीटर संदेश कनौजिया को भाजपा में शामिल करने पर सवाल उठ रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व की ओर से लगातार प्रदेश में अपराधियों के सफाए का दावा किए जाने के उलट बरेली में हिस्ट्रीशीटर को पार्टी में शामिल करने पर नेता कोई जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं। पार्टी के अंदर भी इस पर खलबली मची हुई है। सपा ने भी भाजपा पर हमले शुरू कर दिए हैं।

संदेश कनौजिया को बड़ा नेता बताकर लखनऊ में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पहले उसी तरह पार्टी में शामिल कराने की योजना थी, जिस तरह सपा के कई और नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। वहां से सहमति न मिलने के बाद संदेश को बरेली में ही पार्टी की सदस्यता दिला दी गई। संदेश कनौजिया बीडीसी के सदस्य हैं। सपा ने जब संदेश को जिला उपाध्यक्ष बनाया था, तब भाजपा ने सवाल उठाए थे लेकिन अब खुद उन्हीं सवालों में उलझ गई है। अब सपा नेता इसे भाजपा की कथनी-करनी का अंतर करार दे रहे हैं।

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सपा नेताओं का कहना है कि ब्लॉक प्रमुखी का चुनाव हारने वाले संदेश का बिथरी क्षेत्र में कोई प्रभाव भी नहीं है। बिथरी विधानसभा क्षेत्र बड़ा तो है, लेकिन कुर्मी बहुल ब्लॉक में अब भी पूर्व विधायक स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह के परिवार और भाजपा नेता रहे विजेंद्र का प्रभाव है। संदेश को जिला पंचायत के चुनाव में भी रश्मि पटेल ने हराया था। सपा नेता कह रहे हैं कि भाजपा अपराधियों को खुला संरक्षण देती है, इसीलिए बीडीसी सदस्य को बड़ा नेता बनाकर पार्टी में शामिल कर लिया है। उधर, सोशल मीडिया पर भी संदेश को भाजपा में शामिल करने का मामला छाया हुआ है।

बिथरी ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वासप्रस्ताव के समय की थी भाजपा की मदद
पिछले साल बिथरी की ब्लॉक प्रमुख ब्रजेश कुमारी के खिलाफ भाजपा के ही सदस्य विजेंद्र की अगुवाई में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। कहा जा रहा है कि उस समय संदेश ने भी बीडीसी सदस्यों को इकट्ठा करने में ब्रजेश कुमारी के पति हरेंद्र की मदद की थी। जिले में पार्टी के शीर्ष नेताओं के हस्तक्षेप के बाद अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। तब संदेश कनौजिया ने सोशल मीडिया पर विजेंद्र के खिलाफ खूब टीका-टिप्पणी की थी।

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