बरेली: संघ ने संभाली मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी, 2022 में प्रतिशत घटने से कई सीटों पर हारी थी भाजपा

बरेली: संघ ने संभाली मतदान प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी, 2022 में प्रतिशत घटने से कई सीटों पर हारी थी भाजपा

बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में विधानसभा चुनाव 2022 में कई सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत पांच प्रतिशत तक घट जाने से चिंतित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के पक्ष में 50 से 60 प्रतिशत मतदान कराने का लक्ष्य तय किया है।
 
इसके लिए रणनीति बनाने पर भी काम शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार को नोएडा में हुई एक बैठक में संघ ने यह लक्ष्य पूरा करने केलिए अनुषांगिक संगठनों को भी जिम्मेदारी दी है। भाजपा इसी रणनीति के तहत देश में चार सौ पार का लक्ष्य पूरा करने की उम्मीद जुटाए बैठी है।
 
लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी संघ ने अपने हाथ में ली है। नोएडा में शुक्रवार को संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रांत प्रचारक की बैठक इसकी रणनीति साझा की गई। यूपी की उन सीटों पर वोट प्रतिशत बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया, जहां इस चुनाव में टिकट बदला गया है या पार्टी पिछला चुनाव हार गई थी। इसी क्रम में बैठक में बरेली समेत कई सीटों के बारे में खासतौर पर चर्चा की गई।
 
संघ के रणनीतिकारों का फोकस पिछले चुनावों के आंकड़ों पर भी रहा। कहा गया कि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के पक्ष में 40-45 प्रतिशत लोगों ने वोट दिए थे लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा का वोट प्रतिशत घटकर 35 से 40 प्रतिशत ही रह गया। वोट प्रतिशत कम होने पर भाजपा काफी मंथन कर चुकी है। यह क्रम लोकसभा चुनाव 2024 में भी जारी न रहे, इसके लिए इस बार संघ की ओर से लोकसभा समन्वयक की नियुक्ति कर भाजपा के पक्ष में 50 से 60 प्रतिशत तक मतदान कराने का लक्ष्य तैयार किया गया है।
 
संघ की ओर से अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी बांटी गई हैं। उन्हें अपने-अपने बूथ पर वोट प्रतिशत बढ़ाने को कहा गया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर कम मतदान हुआ था, वहां भाजपा नुकसान में रही थी। पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था या फिर जीत का अंतर काफी कम हो गया था।
 
इसलिए इस चुनाव में मतदान बढ़ने से पार्टी को फायदा मिलेगा। मतदान प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति में प्रमुख रूप से बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों को प्रत्येक वोटर के घर जाने और दूरदराज नौकरी करने वालों को बुलाने जैसे बिंदु शामिल हैं। इसके अलावा लाभार्थी वर्ग में पैठ बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।