रायबरेली पुलिस ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

रायबरेली पुलिस ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

रायबरेली, अमृत विचार। क्षेत्र में क्लीनिक चलाने वाले फर्जी तरीके से रहे चार बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पुलिस ने इनके कब्जे से बांग्लादेश के तीन पासपोर्ट भी बरामद किए है। उन्नाव जनपद के मौरांवा कस्बे व रायबरेली के खीरों कस्बे सहित कई जगहों पर क्लीनिक चलाने वाले चार बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह अपने रिश्तेदारों के साथ यहां पर क्लीनिक चलाते थे। 

पुलिस को काफी समय से कस्बे में कुछ बांग्लादेशी रहने की सूचना मिल रही थी, लेकिन पकड़ ने नही आ रहे थे। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व कस्बे में ही जमीन खरीदकर मकान बनाने वाले कमल पुत्र दुलाल खीरो के अतरहर रोड क्लीनिक चलाता था उसकी के साथ मंतोष पुत्र नानत भी रहता था। वही तनमय पुत्र सफन हलदर क्षेत्र के महरानीगंज व इन सबको यहां लाने वाला प्रकाश हलदर पुत्र मुकुंद हलदर उन्नाव जनपद के मौरांवा में अपना क्लिनिक चलाता था।

पुलिस को इनके ऊपर शक हुआ तो उसने अपनी तफ्तीश शुरू की। सबसे पहले पुलिस ने प्रकाश को उठाया और उसने सब कुछ बता दिया तभी तीन अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सभी से जब वैध पासपोर्ट मांगा तो वह नही दिखा सके। कमल खीरो में अपने को बनर्जी बताता था जिससे किसी को कोई शक न हो और उसे बंगाली माना जाए। पुलिस इनके कब्जे से 1 पासपोर्ट, 4 आधार कार्ड, 2 वोटर कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस व 3 बांग्लादेशी पासपोर्ट बरामद किए है।

खुद को बताता था कमल बनर्जी

कस्बे में दवाखाना चलाने वाला कमल खीरो में पहले किराए के मकान में रहता और वह खुद को कमल बनर्जी बताता था जबकि उसकी दुकान आज भी किराए की है। बात यह है कि क्या कभी पुलिस ने कस्बे में रह रहे बाहरी लोगो की जांच पड़ताल नही की, अगर की तो इन्हें पकड़ क्यों नही पाई। वही किराए पर रखने वालो ने इइसे कागज क्यों नही लिए। इन्हें क्लीनिक चलाने का अगर लाइसेंस दिया गया तो इनकी जांच क्यों नही हुई।

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