Good News : खाड़ी देशों में व्यंजनों का जायका बढ़ाने को रामपुर की हरी मिर्च का लगेगा तड़का, जानिए क्या बोले किसान?

तहसील स्वार और मिलक में किसानों ने की 3500 हेक्टेयर में की है मिर्च खेती, स्वार के गांव धनौरी की मिर्च दूर-दूर तक है प्रसिद्ध

Good News : खाड़ी देशों में व्यंजनों का जायका बढ़ाने को रामपुर की हरी मिर्च का लगेगा तड़का, जानिए क्या बोले किसान?

 स्वार में एक खेत में लहलहाती मिर्च की फसल।

रामपुर, अमृत विचार। रामपुर चावल, चाकू, रजा लाइब्रेरी के बाद मिर्च के तीखेपन में भी अपनी पहचान बना रहा है। रामपुर की हरी और पीली मिर्च से खाड़ी देशों में व्यंजनों का जायका बढ़ाने के लिए तड़का लगेगा। तहसील मिलक और स्वार क्षेत्र में किसानों ने 3500 हेक्टेयर रकबे में हरी मिर्च की खेती की है। स्वार के गांव धनौरी की मिर्च अपने तीखेपन के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। रामपुरी मिर्च का निर्यात होने से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। उन्हें मिर्च से काफी आमदनी हो रही है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष रामपुर की मिर्च का खाड़ी देशों के लिए निर्यात किया जा रहा है। 

तहसील स्वार में हरी मिर्च की खेती लंबे समय से हो रही है। लेकिन, इस वर्ष हरी मिर्च की मांग खाड़ी देशों से आ गई है। जिला कृषि अधिकारी बताते हैं कि स्वार क्षेत्र में लगभग 2300 हेक्टेयर रकबे में हरी मिर्च की बुआई की गई थी। बताते हैं कि भारत में ही किसानों को मिर्च का भाव चार सौ छह सौ रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला है। स्वार और मिलक तहसील से मिर्च आजादपुर मंडी जाती है और वहां से खाड़ी देशों के लिए निर्यात की जाती है।

बताते हैं कि इस क्षेत्र में पूसा सदाबहार किस्म की हरी मिर्च के अलावा अर्का मेघना, अर्का श्वेता के अलावा काशी अर्ली और काशी सुर्ख की खेती होती है। बताते है कि पूसा हरी मिर्च का उत्पादन आठ से 10 टन प्रति हेक्टेयर मिल जाता है। जबकि, अर्का मेघना 30-35 टन हरी मिर्च व 5-6 टन सूखी लाल मिर्च प्रति हैक्टेयर का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। काशी अर्ली और सुर्ख मिर्च का उत्पादन 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाता है। बताते हैं कि इस वर्ष में मिर्च में कोई रोग नहीं लगा है और मिर्च के किसानों को अच्छी आमदनी हुई है। 

फैक्ट फाइल

  • स्वार में मिर्च उत्पादन का रकबा - 2300 हेक्टेयर
  • सैदनगर में मिर्च का रकबा- 1000 हेक्टेयर
  • मिलक में मिर्च का रकबा - 200 हेक्टेयर 

बोले किसान
मिर्च की फसल इस बार अच्छी हुई है और खाड़ी देशों में इसका निर्यात किया जा रहा है। रामपुर की मिर्च शारजाह, दुबई, कुवैत समेत मक्का और मदीना के लिए भी निर्यात की जा रही है। यह रामपुर के लिए अच्छी बात है।-अर्जुन 

स्वार क्षेत्र में मिर्च की खेती आजादी के बाद से हो रही है। लेकिन, अब मिर्च का रकबा बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष हरी मिर्च खाड़ी देशों के अलावा अमेरिका तक निर्यात हो रही है। इससे मिर्च किसान आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं।- रिंकू


स्वार क्षेत्र में पीली मिर्च का भी बहुत कारोबार है। हरी मिर्च के अलावा स्वार की पीली मिर्च भी अपने तीखेपन के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। मिर्च का निर्यात होने से किसानों में हिम्मत बढ़ी है।-रूप किशोर

मिर्च में कई तरह की किस्में आ जाने से किसानों को काफी सुविधा हो गई है। अधिकतर किसान सदाबहार मिर्च पूसा की खेती करते हैं। स्वार और मिलक क्षेत्र में मिर्च का रकबा साल दर साल बढ़ता जा रहा है।-मोहम्मद आलम 

जनपद से मिर्च का निर्यात खाड़ी देशों के लिए हो रहा है। इसके अलावा आजादपुर मंडी दिल्ली के लिए भी प्रतिदिन रामपुर से हरी मिर्च जाती है। जनपद में हरी मिर्च का रकबा 3500 हेक्टेयर है। इस वर्ष हरी मिर्च की फसल बहुत अच्छी हुई है और मिर्च की फसल को कोई रोग भी नहीं लगा है।- नरेंद्र पाल, जिला कृषि अधिकारी 

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