यूपी में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल पहुंचाने का आदेश, सड़क पर भीख मांगते बच्चों के लिए जिम्मेदार कौन? 

यूपी में आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल पहुंचाने का आदेश, सड़क पर भीख मांगते बच्चों के लिए जिम्मेदार कौन? 

अमृत विचार लखनऊ : आउट आफ स्कूल 6 से 14 वर्ष के बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए परिवार सर्वेक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा। इसके लिए प्रमुख सचिव बेसिक की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। स्कूली शिक्षा से दूर बच्चों को स्कूल तक लाने का प्रयास किया जायेगा। शैक्षिक सत्र 2024-25 में ये लक्ष्य पूरा हो सके इसके लिए विशेष ध्यान देने का आदेश भी सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गये हैं। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अन्तर्गत यह प्रावधान है कि 6-14 आयु तक के बच्चों को निशुल्क पढ़ने का अधिकार और इस आयु में कोई भी बच्चा है तो वह पढ़ाई से वंचित न होने पाये इसकी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की  निर्धारित है, लेकिन इसमें अभिभावकों का भी  सहयोग जरूरी है। हालांकि सड़क पर भीख मांगते बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से कैसे जोड़ेंगे इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

आउट आफ स्कूल में दो श्रेणी के बच्चे

प्रमुख सचिव बेसिक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक जो बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हैं उनको उम्र के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिलाया जायेगा। इसमें दो श्रेणी के बच्चे हैं पहला वह बच्चे जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नहीं किया गया हो, और दूसरा ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में पूर्व में नामांकन हुआ था लेकिन किन्हीं कारणवश अपनी शिक्षा पूरी किये बिना विद्यालय छोड़ गये अर्थात ड्राप आउट हो गये।

सर्वेक्षण करने का जिम्मेदारी सभी की

शैक्षिक सत्र 2024-25 में आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हित करने के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापकों, अध्यापकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की जिम्मेदारी होगी। विद्यालय के अतिरिक्त समय में सर्वेक्षण के दौरान इन्हें घर-घर जाकर बच्चों को चिन्हित करना होगा। 

पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा ब्योरा

परिवार सर्वेक्षण का ब्योरा विद्यालय स्तर पर सुरक्षित रखा जाएगा प्रथम चरण के परिवार सर्वेक्षण प्रपत्रों के विवरण को निर्धारित तिथि के अुसार प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। ऐसे में बीते वर्ष सर्वेक्षण में यदि कोई परिवार वंचित रह गया है तो ऐसे परिवारों का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। यदि कोई सदस्य सर्वेक्षण से छूट गया है या वर्तमान में परिवार का सदस्य नहीं है तो ऐसे परिवार के सदस्यों के विवरण को एडिट किया जायेगा।

चार चरणों में होगा मूल्यांकन

कक्षा 2 से 8 में विशेष प्रशिक्षण के लिए नामांकित सभी आउट ऑफ स्कूल बच्चों का पहला मूल्यांकन 15 दिन के बाद शारदा एप्प के माध्यम से किया जायेगा। दूसरा मूल्यांकन माह अक्टूबर में, तीसरा मूल्यांकन माह जनवरी में और चौथा मूल्यांकन माह मार्च में किया जायेगा। एसेसमेंट के परिणामों के आधार पर नोडल अध्यापक की ओर से नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों के शिक्षण के लिए शिक्षण योजना तैयार की जायेगी।

भीख मांगते बच्चों  पर ध्यान देने की जरूरत, दो चरणों में चलेगा चलेगा अभियान 

अमृत विचार: शैक्षिक सत्र 2024-25 में परिवार सर्वेक्षण अभियान का प्रथम चरण 17 जून से 16 जुलाई तक चलेगा। दूसरा चरण 1 अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगा। इस अवधि में सभी ग्रामीण एवं नगरीय परिवारों, ईंट भट्ठों, खदानों, कारखानों, होटलों, ढाबों, असेवित एवं मलिन बस्तियों, जन- जातीय व घुमन्तू समुदायों मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों का सर्वेक्षण करते हुए बच्चों चिन्हित किया जायेगा। इन बच्चों को अभिभावकों को शिक्षा का महात्व भी बताया जायेगा। हालांकि राजधानी में ही चौक चौराहों पर काफी संख्या में ऐसे मे बच्चे भीख मांगते भी दिख जाते हैं जो 6 से 14 वर्ष की उम्र के हैं। इस पर विभाग का ध्यान कभी नहीं जाता है। 

कोट............
"आउट ऑफ स्कूल बच्चों की नियमित उपस्थिति व उनकी शिक्षण-अधिगम व्यवस्था पर समुचित ध्यान देने के आदेश दिए गये हैं। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो इन बच्चों के पुनः ड्राप आउट होने की प्रबल सम्भावना बनी रहेगी। इन बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने एवं मुख्यधारा में लाने के लिए इन अभिभावकों को उनकी अर्हता के अनुसार सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के निर्देश दिए गये हैं" 
डॉ.  शनमुगा सुंदरम प्रमुख सचिव बेसिक

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