गर्भपात के लिए लखनऊ गई दुष्कर्म पीड़िता, हाईकोर्ट ने केजीएमयू प्रशासन को दिया था आदेश-जानिए क्या है पूरा मामला 

गर्भपात के लिए लखनऊ गई दुष्कर्म पीड़िता, हाईकोर्ट ने केजीएमयू प्रशासन को दिया था आदेश-जानिए क्या है पूरा मामला 

अयोध्या, अमृत विचार। अनचाहे गर्भ से निजात हासिल करने का पहला क़ानूनी मामला जिले में प्रकाश में आया है। हालांकि अभी यह क़ानूनी प्रक्रिया में है। उच्च न्यायालय के आदेश पर दुष्कर्म पीड़िता अपनी माँ की देखरेख में लखनऊ केजीएमयू गई है। जहां अदालत के आदेश पर सात डॉक्टरों के पैनल ने प्रक्रिया शुरू की है। पैनल की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट 22 मई को सुनवाई करेगा।   

अयोध्या कोतवाली क्षेत्र निवासी एक 14 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक युवक ने अगवा कर लिया था। पुलिस ने किशोरी को बरामद कर मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज कराया तो दुष्कर्म किए जाने की बात सामने आई। पुलिस ने दर्ज मामले में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई। काशीराम कॉलोनी में रहने वाले मांझा बरेहटा खाले का पुरवा के मूल निवासी भरत अग्रहरि को गिरफ्तार कर चालान किया। 15 अप्रैल को हुए मेडिकल परीक्षण में किशोरी के गर्भवती होने की बात सामने आई थी, जिसको लेकर उसकी मां ने लखनऊ हाई कोर्ट में याचिका दाख़िल कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। 

अधिवक्ता अम्बरीष त्रिपाठी व रमापति शुक्ल की पैरवी पर न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने 13 मई को केजीएमयू के कुलपति को बोर्ड बना गर्भ की उम्र आदि व गर्भपात से पीड़िता के स्वाथ्य आदि पर प्रभाव की रिपोर्ट तलब की। अदालत के आदेश पर पीड़िता को लेकर उसकी मां लखनऊ पहुंच गई है और  पैनल से काउंसलिंग तथा जाँच कराई है।

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