Bareilly News: मूड न माहौल...फरियादों की गिनती अब वोटों के बाद

Bareilly News: मूड न माहौल...फरियादों की गिनती अब वोटों के बाद

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव के बीच फरियादों की सुनवाई और निस्तारण की प्रक्रिया ठहर गई है। मतदान होने के बाद फरियादियों का सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने का सिलसिला तो दोबारा शुरू हो गया है लेकिन कभी यहां उनके फरियाद सुनने के लिए कोई अफसर नहीं मिलता तो कभी मतगणना के बाद ही काम हो पाने का दो टूक जवाब देकर लौटाया जा रहा है।

जिले की दोनों सीटों पर 7 मई को मतदान हो चुका है। अफसरों को कुछ फुर्सत तो मिली है लेकिन सरकारी दफ्तरों में अब भी फरियादें सुनने का माहौल नहीं बना है। फरियादियों की आवाजाही जरूर फिर शुरू हो गई है। प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने अब मतगणना की तैयारियां शुरू कर दी हैं, चुनाव आयोग के रोज आ रहे निर्देशों पर उनका ज्यादा फोकस है। 

निचले स्तर के अधिकारी इतने व्यस्त नहीं हैं लेकिन अभी फरियादें सुनने के मूड में वे भी नहीं हैं। दफ्तर में उनके बैठने का समय भी अनिश्चित हो जाने की वजह से कर्मचारी भी टाइम पास कर रहे हैं। सोमवार को अमृत विचार टीम ने कुछ सरकारी कार्यालयों का जायजा लिया तो तमाम फरियादियों को परेशान होता पाया। भीषण गर्मी में इनमें कोई केस की सुनवाई के लिए आया था तो कोई पेंशन जैसे काम से, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद भी उनका कोई काम नहीं बना।

पसीना पोंछते हुए एसडीएम का इंतजार
सदर तहसील के भउवापुर गांव के अंगदलाल एसडीएम सदर से मिलने तहसील पहुंचे थे। बताया, सुबह 9 बजे घर से साइकिल से निकले थे। करीब 10 बजे तहसील पहुंचे लेकिन तब तक एसडीएम कहीं उठकर चली गईं। पूछने पर कर्मचारियों ने बताया कि अब दोपहर तक आएंगी। अंगोछे से पसीना पोंछते हुए अंगदलाल ने बताया कि उनके घर के पास जलभराव की समस्या है। इतनी दूर से आए हैं तो एसडीएम से मिलकर ही जाएंगे।

धूप में 20 किमी साइकिल चलाकर आए
सदर तहसील के ही गांव बादशाहनगर निवासी तुलाराम ने बताया कि जमीन की तूदाबंदी के लिए 5 अक्टूबर 2023 को एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया था, तबसे 16 बार तारीखें लग चुकी हैं लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है। सोमवार को सुनवाई होनी थी। यहां आए तो अब फिर 5 जून की तारीख लगा दी है। बोले, बादशाहनगर यहां से 20 किमी है। इतनी गर्मी में साइकिल चलाकर आए थे, लेकिन भागदौड़ बेकार हो गई।

कानूनगो के कमरे पर ताला, पूरा दिन बेकार
सदर तहसील के गांव सब्जीपुर खाता में रहने वाले हरी सिंह सोमवार को भोजीपुरा क्षेत्र के कानूनगो से मिलने आए थे लेकिन उनके कार्यालय पर ताला पड़ा हुआ था। किसी ने कुछ स्पष्ट नहीं बताया तो बाहर उनका इंतजार करने लगे। बताया, दाखिल खारिज के लिए पांच बार आ चुके हैं। सोमवार को बुलाया गया था। सुबह आठ बजे घर से निकले थे। दोपहर हो गई है इंतजार करते-करते। पता भी नहीं कि तहसीलदार साहब आएंगे भी या नहीं।

सड़क की समस्या, 50 से ज्यादा चक्कर
सदर तहसील के पीपल गौटिया गांव में रहने वाले बेचेलाल भी सदर तहसीलदार से मिलने के लिए उनके कार्यालय के बाहर दोपहर करीब एक बजे इंतजार कर रहे थे। बोले, सड़क की समस्या है। इसके लिए अब तक 50 से ज्यादा बार आ चुके हैं। पिछले दो घंटे से तहसीलदार से मिलने के लिए उनका इंतजार कर रहे हैं। कोई कुछ बताने वाला नहीं है कि कब तक आएंगे। पूछने पर कर्मचारी सिर्फ इतना कहते हैं कि इंतजार कर लो।

अफसर आएंगे या नहीं, कोई यही बता दे
मीरगंज क्षेत्र से उमेश विकास भवन में जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के दफ्तर के बाहर बैठे थे। बताया, उनके बेटे बंटी की 9वीं कक्षा की छात्रवृत्ति रुकी हुई है। अधिकारी से बात करने और कागजात जमा करने आए हैं, लेकिन पता करने पर बताया गया कि वह हैं नहीं। कब आएंगे, आएंगे या नहीं, यह भी पता नहीं लग पा रहा है। काफी देर से इंतजार कर रहे हैं, पहले भी आ चुके हैं। आने-जाने में करीब 150 रुपया किराया लग जाता है।

भरी दोपहरी में भटकीं 75 साल की शांति देवी
सदर तहसील के क्यारा गांव में रहने वाली 75 साल की बुजुर्ग महिला शांति भरी दोपहरी में करीब पौने दो बजे विकास भवन के दूसरे गेट पर भटक रही थीं। पूछने पर बताया कि उनकी पेंशन करीब दो साल से रुकी हुई है। गांव से पैदल सड़क पर आने के बाद टेंपो से यहां आई हैं। 50 रुपया किराया लग गया है। हाथ से दिव्यांग भी हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण के ऑफिस जाने के लिए कहा गया है। लोगों से पूछते हुए शांति अंदर गईं।

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