गेंहू खरीद को लेकर व्यापारी और हरदोई मण्डी सचिव के बीच हुई तीखी बहस, जानें क्या है मामला 

गेंहू खरीद को लेकर व्यापारी और हरदोई मण्डी सचिव के बीच हुई तीखी बहस, जानें क्या है मामला 

हरदोई, अमृत विचार। नवीन गल्ला मण्डी में गेंहू की सरकारी खरीद पर व्यापारी और मण्डी सचिव के बीच इस बात को ले कर तीखी बहस हो गई कि किसान सरकार के हाथ अपना गेंहू बेंचे,व्यापारियो का कहना है कि किसान बोल रहे है कि मण्डी में गेंहू बेंचना उनके लिए घाटे का सौदा है,क्यों कि सरकार जो गेंहू 2275 रुपये कुंटल खरीद रही है,बाज़ार में वही गेंहू 2400 रुपये कुंटल खरीदा जा रहा है। इसी बात पर शनिवार को व्यापारियों और मण्डी सचिव के बीच इतनी तीखी बहस हो गई कि एक तरफ मण्डी सचिव ने व्यापारियों का लाइसेंस रद्द करने की तो वहीं व्यापारियों ने इसे अपना उत्पीड़न मानते हुए इस्तीफा‌ देने की धमकी दे डाली।

बताया गया है कि सरकार ने गेंहू खरीद का 2275 रुपये का भाव तय कर रखा है,जबकि बाहर खुले बाज़ार में वही गेंहू 2400 रुपये में खरीदा जा रहा है। शनिवार को मण्डी सचिव अजय प्रताप सिंह ने व्यापारियों से गेंहू की खरीद में तेज़ी लाने को कहा,जबकि व्यापारियों ने उन्हे बताया कि किसान कम भाव की वजह से सरकारी खरीद केन्द्र से दूरी बनाए हुए है। 2275 रुपयें में खरीदा जा रहा वही गेंहू बाज़ार में 2400 में खरीदा जा रहा है। सरकार के हाथों गेंहू बेंचने में 125 रुपये प्रति कुंटल घाटा हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सचिव उनके ऊपर सरकारी गेंहू खरीद में तेज़ी लाने का दबाव बना रहे है,ऐसा न होने पर उनके लाइसेंस रद्द करने तक की धमकी दे रहे है। व्यापारियों ने आगे कहा है कि अगर ऐसा ही होता रहा तो नवीन गल्ला मण्डी व्यापार मण्डल के सारे पदाधिकरी इस्तीफा दे देंगे,लेकिन इस तरह का बेजा दबाव नहीं बर्दाश्त करेंगे।

वर्जन- 
मण्डी सचिव व्यापारियों पर दबाव बना रहे है कि वे किसानों से सरकारी रेट पर गेंहू बेंचने के लिए कहे,उधर किसान मुंह खोल कर कह रहा है कि ऐसा करने से उसे सीधा घाटा हो रहा है। सचिव ऐसा दबाव बना कर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे है। जबकि पिछली बार व्यापारियों ने सरकार को 80 हज़ार बोरे गेंहू की खरीद कराई थी। सचिव ने अगर अपना रवैया नहीं बदला तो व्यापार मण्डल के पदाधिकारी अपना-अपना इस्तीफा देने से कतई नहीं हिचकेंगें।
श्यामा कुमार गुप्ता उर्फ टीटू, अध्यक्ष, नवीन गल्ला मण्डी व्यापार मण्डल
                                 
वर्जन -
व्यापारी दबाव बनाने और उत्पीड़न करने की जो बात कह रहें है,वो सरासर झूठी है। उन्होनें तो सरकारी गेंहू की खरीद में सहयोग करने की बात कही थी। सरकार ने हमेशा किसानों के हितों को ध्यान में रख कर ही फैसला लिया करती है। उनका कहना है कि वे खुद बराबर से सरकारी गेंहू खरीद केन्द्रों की पड़ताल कर रहें‌ और खुद किसानों से सीधे मिल कर उन्हे सरकारी गेंहू खरीद केन्द्र पर पहुंच कर वहां अपना गेंहू बेंचने के लिए प्रेरित कर रहें है।
-अजय प्रताप सिंह, सचिव,नवीन गल्ला मण्डी,हरदोई
            
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