बाराबंकी : सरकारी चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे मरीज, कुछ ऐसा है सीएचसी टिकैतनगर का हाल

 बाराबंकी : सरकारी चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे मरीज, कुछ ऐसा है सीएचसी टिकैतनगर का हाल

सौरभ शुक्ला, टिकैतनगर, बाराबंकी। रात के करीब दस बजने को थे, बेतहाशा गर्मी और उमस में लगातार बढ़ रही बीमारी के मौसम में अमृत विचार के संवाददाता ने रविवार को सीएचसी टिकैतनगर की व्यवस्थाओं की पड़ताल की। सीएचसी पहुंचते ही यहां भर्ती मरीजों का हाल जानने की कोशिश की। मरीजों ने बताया कि लाइट चली जाती है तो बड़ी दिक्कत होती है। इसे इत्तेफाक ही कहेगें कि मरीज के इतना कहते ही सीएचसी अंधेरे में डूब गई।

मोबाइल से टार्च जलाकर जब इमरजेंसी की ओर रूख किया तो डा. फरहत अली की कुर्सी खाली दिखी। पूछने पर पता चला कही निकले हैं। करीब आधे घंटे तक डा. फरहत की कुर्सी खाली रही। स्टाफ को पता ही नहीं था कि वह कहा हैं। खैर तब तक बिजली आ गई थी। अचानक नजर भर्ती वार्ड पर फिर पडी, जहां मरीज तो कई थे मगर गर्मी और उमस  से परेशान थे। वहां लगे पंखे चल ही नहीं रहे थे।

कुछ मरीजों के बेड पर चादर ही नहीं थे और जिन पर थे गन्दे पडे़ थे। मरीजों की बेबसी यह साफ बंया कर रही थी कि अगर उनकी आर्थिक हालात ठीक होती तो शायद वो भी इलाज कराने के लिए निजी अस्पतालों की ओर रूख कर चुके होते। रात ड्यूटी में तैनात फार्मासिस्ट अश्वनी मिश्रा मौजूद मिले।

रात्रि ड्यूटी में नदारत मिले चिकित्सक

रविवार रात्रि करीब दस बजे सीएचसी टिकैतनगर फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा था। इमरजेंसी ड्यूटी में लगे डाक्टर सीएससी से नदारद मिले। तीन महिला चिकित्सक होने के बावजूद कोई भी महिला चिकित्सक सीएससी में मौजूद नहीं दिखी। ऐसे में अचानक प्रेगनेंसी के दर्द से जूझ रही कोई भी महिला और उनके परिजन सीएससी पहुंचे तो उन्हें महिला चिकित्सक नदारद मिलेगी। यही कारण है कि सीएससी टिकैतनगर की जगह मरीज निजी अस्पतालों या झोलाछाप डाक्टरों के पास जाने के लिए मजबूर हैं।

कार्यक्षेत्र मुख्यालय पर नहीं टिकते चिकित्सक

सीएससी टिकैतनगरनगर का आलम यह है कि यहां कोई भी डाक्टर आवास पर नहीं रुकता। शासन के सख्त आदेश के बावजूद कोई भी चिकित्सक  सीएचसी परिसर में बने आवास पर टिकने के लिए  तैयार नहीं है। सीएचसी पर मिले मरीजों ने बताया कि यहां रात में कोई डाक्टर किस्मत से ही मिलता है। उन्होंने बताया कि रात में उन्हें या घर पर किसा को कोई परेशानी होने पर मजबूरी में निजी अस्पताल का ही रुख करना पड़ता है। हालांकि मरीजों ने बताया तो कि सीएचसी पर डा. योगेंद्र मौर्य मरीजों के साथ अच्छे व्यवहार एवं बेहतर इलाज में कोई कमी नहीं रखते हैं।

सोमवार--समय--दोपहर 12 बजे--स्थान सीएचसी टिकैतनगर

सोमवार को दोपहर बारह बजे अमृत विचार संवाददाता ने सीएससी का एक बार फिर जायजा लिया। इस दौरान सीएससी पर डा.फरहत अली, डा.यूनुस व एक महिला चिकित्सक मौजूद मिलीं। पर अन्य स्टाफ ड्यूटी पर मौजूद नहीं मिला। अन्य चिकित्सकों व सीएचसी अधीक्षक के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला अधीक्षक डाक्टर संजय गुप्ता सीएचसी में मौजूद नहीं थे।

गायब मिला हेल्थ एटीएम

सीएचसी पर पहले हेल्थ एटीएम की शुरुआत इस उद्देश्य से की गई थी कि मरीजों की सभी जरूरी जांच चंद मिनटों में की जा सके, लेकिन ऐसा लम्बे समय तक हो न सका। पहले हेल्थ एटीएम का संचालन सीएचसी अधीक्षक के कमरे से ही किया जाता रहा। रविवार और सोमवार की पड़ताल के दौरान हेल्थ एटीएम सीएचसी में दिखाई नहीं दिया। 

80 गांव को स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा खोखला

सबको निशुल्क बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वाली सीएचसी टिकैतनगर शासन-प्रशासन के मंसूबों पर पानी फेर रही है। बड़ी उम्मीद के साथ मरीज चिकित्सकों को भगवान समझ कर यहां पहुंचते हैं कि उन्हें योग्य चिकित्सकों द्वारा निशुल्क और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं एक ही छत के नीचे मुहैय्या हो सकेंगी। पर जब मरीज यहां आता है तो सरकारी दावे बेमानी साबित होते हैं। सीएचसी में अधिकतर डाक्टर देर से आकर जल्दी चले जाते हैं। रात में कोई बडा़ हादसा होने पर मरीजों को सीएचसी के बजाय निजी नर्सिंग होम की तरफ भागना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना हे कि चिकित्सकों व स्टाफ की पूरी फौज होने के वावजूद सीएचसी प्रशासन की निरंकुशता से लोगों को निजी नर्सिंग की ओर रूख करना पड़ता है। सीएचसी अधीक्षक डा. संजय गुप्ता से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में बात करने के लिये कार्यालय समय पर सीएचसी आइये। संवाददाता समय पर सीएचसी पहुंचा तो पता चला कि अधीक्षक फिर नदारद हैं। आपको बता दें कि डीएम सत्येंद्र कुमार का जिम्मेदार अधिकारियों का निर्देश है कि वह पीड़ित और पत्रकारों का फोन जरूर उठायें। अगर किसी व्यस्तता की वजह से फोन नहीं उठा रहे तो काल बैंक जरूर करे। लेकिन अधीक्षक ने ऐसा करना भी उचित नहीं समझा।

सीएमओ डा. अवधेश कुमार यादव ने बताया कि सीएचसी पर डाक्टर हमेशा रहते हैं। रात में भी इमरजेंसी स्टाफ ड्यूटी पर रहता है। अगर डाक्टर या स्टाफ ड्यूटी के दौरान मौजूद नहीं रहते और लापरवाही पाई जायेगी, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधीक्षक सीएचसी पर क्यों नहीं मिले इसकी भी जांच कराई जाएगी।


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