Bareilly News: ट्रैफिक पुलिस के जवानों पर भी हीट स्ट्रोक का खतरा, स्मार्ट सिटी के कई चौराहों पर बूथ तक नहीं

आसपास पानी की व्यवस्था भी नहीं, बेखबर बने हैं एसी में घूमने वाले अधिकारी

Bareilly News: ट्रैफिक पुलिस के जवानों पर भी हीट स्ट्रोक का खतरा, स्मार्ट सिटी के कई चौराहों पर बूथ तक नहीं

बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी के बूथविहीन चौराहों पर दिन भर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के जवानों पर भी हीट स्ट्रोक का शिकार होने का खतरा मंडरा रहा है। 

इस मौसम में इनके लिए ड्यूटी कितनी कड़ी चुनौती बन गई है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये लोग दिन भर कड़ी धूप का सामना कर रहे हैं और आसपास में पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। एसी में रहने वाले अफसर अपने मातहतों की इस समस्या की साफ अनदेखी कर रहे हैं।

शहर के एक-दो चौराहों को छोड़कर कहीं भी ट्रैफिक पुलिस के लिए बूथ नहीं हैं। जिन चौराहों पर बूथ हैं भी, वहां पानी की व्यवस्था नहीं है। इस मौसम में जब कोई कुछ देर के लिए भी धूप में रहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है, ट्रैफिक पुलिस के जवानों को पूरे दिन खुले आसमान के नीचे ड्यूटी करनी पड़ रही है। 

सर्किट हाउस, गांधी उद्यान, चौपुला, चौकी चौराह जैसे प्रमुख चौराहों पर जहां से अफसरों की दिन भर आवाजाही रहती है, वहां ड्यूटी पर रहने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दिन भर चिंता रहती है कि कहीं जाम न लग जाए। इसके लिए उन्हें लगातार धूप में खड़ा रहना पड़ता है।

नाम न छापने का आग्रह करते हुए कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने बताया कि फील्ड में काम करने वाले पुलिस वालों की मुश्किल एसी में घूमने वाले अधिकारी नहीं समझ पाते। ड्यूटी का हुक्म तो दे दिया जाता है लेकिन प्रचंड गर्मी से उनके बचाव की अधिकारियों को कोई चिंता नहीं है। 

एक पुलिसकर्मी ने बताया कि सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी रहती है। बूथ बनवाने के बारे में तो कोई सोचता ही नहीं, छह घंटे की ड्यूटी में पीने का पानी भी खुद खरीदना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत फ्लाईओवर पर दोनों ओर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को होती है जहां छांव की कोई व्यवस्था नहीं है।

फिर थानों में पक्षियों के लिए दाना-पानी क्यों
अफसरों के उस निर्देश पर भी सवाल उठ रहे हैं जिसके तहत भीषण गर्मी देखते हुए कुछ थानों में पक्षियों के लिए दाना-पानी रखने की शुरुआत की गई है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी इसे कोरा दिखावा बता रहे हैं। वे कहते हैं कि अगर इतनी ही इंसानियत होती तो उनके लिए भी कड़ी धूप से बचाव के लिए कुछ न कुछ इंतजाम जरूर किया जाता।

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