देहरादून: सुप्रीम कोर्ट में यूजेवीएनएल की याचिका पर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की चुनौती: तीन सप्ताह में जवाब देने का आदेश

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Published By Bhupesh Kanaujia
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देहरादून, अमृत विचार। प्रदेश में बिजली महंगी होने के मामले में उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) की याचिका के खिलाफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निगम और नियामक आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

यूजेवीएनएल ने पावर डेवलपमेंट फंड और इसके ब्याज के लिए 2500 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह मांग नियामक आयोग से निराशा मिलने के बाद उठाई गई थी। इसके बाद, यूजेवीएनएल प्रबंधन ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) का सहारा लिया, जिसने यूजेवीएनएल के पक्ष में फैसला देते हुए नियामक आयोग को इस फंड की व्यवस्था कराने का आदेश दिया।

मामले का विवरण

यूजेवीएनएल की मांग में मूल रिटर्न और इक्विटी के साथ 850 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है, जिससे कुल आवश्यकता 2500 करोड़ रुपये तक पहुंच रही है। हाल ही में, नियामक आयोग ने इस मामले में जनसुनवाई की थी, जिसके दौरान इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की जानकारी दी।

यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह में जवाब मांगा है और निगम इस दिशा में अपना जवाब तैयार कर रहा है। 

उपभोक्ताओं पर संभावित असर

उधर, नियामक आयोग ने जनसुनवाई के फैसले को रोक रखा है। बताया जा रहा है कि यदि 2500 करोड़ रुपये की वसूली एक साथ की जाती है, तो इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। 

यह मामला उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, और इसका नतीजा आने वाले दिनों में बिजली दरों को प्रभावित कर सकता है।

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