कासगंज: मोहिनी हत्याकांड...पुलिस कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट, जानिए एसीजेएम ने एसपी से क्यों मांगा स्पष्टीकरण

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Published By Pradeep Kumar
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जेल में बंद पांच अधिवक्ता, एक विधि छात्र, एक महिला व पुरुष पर आरोप तय

कासगंज, अमृत विचार। महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड में आखिर कार पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर ही दी। भले ही पुलिस की कार्य प्रणाली से नाराज एसीजेएम ने संज्ञान न लिया हो, लेकिन पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जेल में बंद पांच अधिवक्ता एक विधि छात्र के अलावा महिला, पुरुष पर आरोप तय कर दिए हैं, जबकि फरार दो इनामी अपराधियों की विवेचना प्रचलित दर्शा दी है। इधर एसीजेएम ने एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है। मामला चर्चा का विषय बन गया है।

बीती तीन सितंबर को जिला न्यायालय के गेट से लापता हुई। अधिवक्ता मोहिनी तोमर का शव चार दिसंबर को गांव रजपुरा के समीप मिला था। शव की पहचान मोहिनी तोमर के पति बृजतेंद्र तोमर व बहन रजनी ने की थी। पति बृजतेंद्र तोमर ने इस मामले में गुमशुदगी की एफआईआर से अलग हटकर नए सिरे से तहरीर दी थी। जिसमें छह नामजद आरोपी अधिवक्ता मुस्तफा कामिल, सलमान, हैदर, असद, मुनाजिर रफी और केशव मिश्रा के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना के दौरान चार अन्य सुपारी किलर सुनील उर्फ फौजी, रजत, बॉबी और एक युवती रेनू के नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने इनमें से बॉबी व रेनू को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसके बाद से सुनील उर्फ फौजी और रजत की तलाश में पुलिस इधर-उधर भटक रही है, लेकिन दोनों ही आरोपी अभी तक पुलिस को छका रहे हैं। जबकि रेनू और बॉबी पर 50 -50 हजार रुपये इनाम घोषित हुआ। बाद में इनाम की धनराशि एक –एक लाख रुपये की संस्तुति कर दी गई। इधर 90 दिन का समय नजदीक आता रहा, तो विधि विशेषज्ञ चार्जशीट का इंतजार करने लगे। पुलिस ने उनका इंतजार बुधवार को खत्म कर दिया। एसीजेएम खांन जीशान मसूद के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें जेल में निरुद्ध छह अधिवक्ता एक विधि छात्र और एक महिला पुरुष पर आरोप तय कर दिया है, साथ ही फरार आरोपी रजत और सुनील फौजी की विवेचना प्रचलित कर दी है, लेकिन एसीजेएम पुलिस की कार्य प्रणाली से बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने संज्ञान नहीं लिया और एसपी से स्पष्टीकरण मांग लिया।

इसलिए मांगा गया स्पष्टीकरण
पिछले दिनों आरोपी अधिवक्ताओ ने वीडियों कांफ्रेस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान पुलिस विवेचना से असंतुष्टि जताई। इस पर न्यायालय ने विवेचना बदलने के लिए एसपी से संस्तुति की, लेकिन विवेचना नहीं बदली गई। जिस पर एसीजेएम नाराज हुए और अब नोटिस एसपी को जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

रिमांड के लगाई गई नौ तारीख
मामले में एसीजेएम ने रिमांड की सुनवाई के लिए नौ दिसंबर की तिथि मुकर्रर कर दी है, उससे पहले एसपी स्पष्टीकरण देना होगा, आखिर विवेचना न  बदलने को क्या कारण रहा। इधर चार्जशीट को लेकर दिन भर न्यायालय में चर्चा बनी रही। वहीं शहर के लोग पुलिस और न्यायालय की गतिविधि जनाने के लिए आतुर बने रहे।

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