18वें प्रवासी भारतीय दिवस पर त्रिनिदाद राष्ट्रपति कंगालू ने कहा- विश्व सभ्यता में भारत का योगदान उल्लेखनीय

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Published By Deepak Mishra
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भुवनेश्वर। त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और यहां के लोगों ने ‘‘विश्व के विकास में महानतम योगदान’’ दिया है। कंगालू ने ‘18वें प्रवासी भारतीय दिवस, 2025 सम्मेलन’ को मुख्य अतिथि के रूप में डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘विश्व के विकास में भारत का योगदान उल्लेखनीय है। दुनिया का पहला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व तक्षशिला में स्थापित किया गया था।’’ 

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को चिकित्सा के प्राचीनतम ज्ञान के स्रोत के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि नौवहन का जन्म लगभग 6,000 वर्ष पहले सिंधु नदी में हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘बीजगणित, त्रिकोणमिति और गणना भी सबसे पहले भारत में ही विकसित हुए थे।’’ 

कंगालू ने कहा कि इसके अलावा, भारत ऐसी नागरिक सभ्यता वाला पहला देश था जिसने अंकगणितीय गणनाओं में शून्य (0) चिह्न का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि दशमलव प्रणाली को व्यापक रूप से भारत में विकसित माना जाता है।  

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