जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत को मिली बड़ी राहत, अधिकार सीज करने वाले आदेश पर रहेगी रोक
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लखनऊ, अमृत विचार: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज किए जाने सम्बंधी आदेश पर शुक्रवार को लगायी गई। अंतरिम रोक को अग्रिम आदेशों तक के लिए बढ़ा दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से स्वीकार किया गया कि रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि अधिकार सीज किए जाने सम्बंधी आदेश पारित करने से पूर्व याची को सुनवायी का अवसर दिया गया हो। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 फरवरी की तिथि नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने आरती रावत की याचिका पर पारित किया। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने सुनवाई का अवसर न दिए जाने की स्वीकरोक्ति तो की लेकिन साथ ही यह भी दलील दी कि 23 जनवरी के आदेश में न्यायालय ने मामले की चल रही फाइनल जांच पर भी अंतरिम रोक लगा दी है, इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। सरकारी वकील की इस दलील का विरोध करते हुए, याची की ओर से तर्क दिया गया कि फाइनल जांच उसी प्राथमिक जांच व अधिकार सीज किए जाने के आदेश पर हो रही है जिसमें सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया, ऐसे में उक्त फाइनल जांच भी जारी नहीं रहनी चाहिए। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में फाइनल जांच को जारी रखने का निर्देश दिया लेकिन उक्त जांच के आधार पर कोई भी निर्णय न पारित करने का भी आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच की तो उसमें आरोपों की पुष्टि हुई जिसके बाद 6 दिसम्बर 2024 को याची के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया और जिला पंचायत के संचालन के लिए तीन निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों की समिति गठित कर दी गयी थी।
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