Mahakumbh 2025: तीन किमी संगम पहुंचने के लिए 28 किमी चले पैदल: श्रद्धालु बोले, अब शहर के बाहर से पहुंचाया जा रहा घाट

कानपुर, अमृत विचार। तीन किमी पर संगम था, लेकिन भगदड़ मचने के बाद शहर के बाहर 28 किमी पैदल चलकर संगम पहुंचे। 12 घंटे तक पैदल चले। तब जाकर संगम में डुबकी लगा पाए। वापसी में भी उतना ही पैदल चलना पड़ा। अब और पैदल चलने की हिम्मत नहीं है। बस जल्द ट्रेन मिल जाए और घर पहुंच जाए। भगदड़ में सामान, मोबाइल खो गया और पैसा भी गिर गया। अब घर पहुंचे तब राहत मिले। गुरुवार को सेंट्रल स्टेशन पहुंचे श्रद्धालुओं ने आपबीती बताई।
बाबा गोपाल दास
आगरा के बरौली निवासी बाबा गोपाल दास ने बताया कि जिस दिन भगदड़ मची, वह संगम तट से तीन किमी की दूरी पर थे, लेकिन रास्ता बंद कर दिया गया। पुलिस ने भीड़ को दूसरे रास्ते से शहर से बाहर किया और 12 घंटे पैदल चलकर 28 किमी का सफर किया, तब जाकर संगम घाट पहुंचे।
मुकेश
आगरा के मुकेश के अनुसार संगम में डुबकी लगाने के बाद उम्मीद थी कि शहर के बीच से ही वापस होंगे। लेकिन स्नान के बाद पुलिस ने फिर शहर के बाहरी रास्ते से ही वापस जाने को कहा। इसलिए फिर करीब 30 किमी पैदल चलकर स्टेशन पहुंचे।
हरीश
श्रद्धालु हरीश ने बताया कि पैदल चाहे जितना चले हों, लेकिन संगम में डुबकी लगा ली। भगदड़ मचने पर लगा था कि अब स्नान नहीं हो पाएगा। पैदल रास्ते में दुकानें न होने से प्यासे ही पैदल चलना पड़ा। स्टेशन पर भी आराम करने का समय नहीं मिला।
दिनेश
अलीगढ़ निवासी दिनेश ने बताया कि मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान नहीं कर पाए। इसका अफसोस है जबकि संगम तट तक पहुंच गए थे। उसके बाद दूसरे घाटों पर स्नान किया। स्नान के बाद सुरक्षाकर्मियों ने रुकने नहीं दिया और मेमू में बैठाकर भेज दिया।
मां-बेटी प्लेटफार्म पर छूटे तो की चेनपुलिंग
प्रयागराज से गुरुवार दोपहर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे परिजन भीड़ के कारण बिछड़ गए। दिल्ली निवासी दंपति बेटी के साथ प्लेटफाम दो पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी भीड़ के बीच मां-बेटी व पिता अलग हो गए। इसी बीच ट्रेन आई और पिता सवार हो गया। ट्रेन चल दी तो बच्ची रोने लगी। यह देखकर जीआरपी कर्मियों ने चेन पुलिंग कराई और मां-बेटी को ट्रेन में चढ़ाकर दिल्ली भेजा।
भगदड़ में गया सामान, मोबाइल व रुपया
मुंबई से संगम में डुबकी लगाने आया परिवार गुरुवार को जब सेंट्रल स्टेशन पहुंचा तो अपना दर्द बयां किया। बोरीवली निवासी कल्याणी, शर्मिला और राजकुमार ने बताया कि मंगलवार रात मची भगदड़ के बाद उनका सामान, मोबाइल और पैसों का पर्स गिर गया। वह उठाने की कोशिश भी नहीं कर सके। क्योंकि पीछे भारी भीड़ थी। सबकुछ खो जाने पर उन्होंने किसी तरह स्नान किया। बाद में मेला स्पेशल से सेंट्रल आए। अब मुंबई जाना है। उसके लिए रेलवे अधिकारियों से मदद मांगी है।