शाहजहांपुर: पति से कहासुनी के बाद महिला ने फंदे पर लटक कर दी जान
कमरे में पंखे के कुंडे पर साड़ी से लटका था शव

जलालाबाद/शाहजहांपुर। पति से कहासुनी हो जाने से एक महिला ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करके पंखे के कुंडे से साड़ी का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर ली। पत्नी ने अपनी अपने पति से कहा था कि बच्चे को चप्पलें पहना दो। चप्पले पहनाने व बच्चे को मारने को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई थी। दिल्ली से आठ दिन पहले पत्नी और बच्चे को लेकर लौटा था।
जलालाबाद थाना क्षेत्र के गांव टिकोला निवासी अमित कुमार की शादी 28 वर्षीय सविता निवासी ऊंचागांव थाना हरपालपुर जिला हरदोई के साथ हुई थी। वह बच्चों को लेकर दिल्ली चला गया था और दिल्ली में प्राइवेट फर्म में काम करता था। आठ दिन पूर्व अमित पत्नी और बच्चों को लेकर दिल्ली से अपने घर आया था। रविवार की शाम सात बजे उसकी पत्नी ने खाना बनाया और सभी को खिलाया। उसकी पत्नी डेढ़ साल के बेटे रिशांत को लेकर कमरे में साने के लिए चली गई। वह अपने बड़े बेटे शोभित को लेकर मकान के बरामदे में सोने के लिए चला गया। रात में 11 बजे उसका छोटा बेटा तेज आवाज में रोने लगा। वह बेटे की आवाज सुनकर उठा और देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। उसने किसी तरह हाथ डालकर कुंडी खोली और देखा कि उसका बेटा बेड पर रो रहा था, उसकी पत्नी कुंडे से साड़ी के फंदे से लटकी हुई थी।
शोर शराबा होने पर परिवार के लोग और गांव वाले जाग गए। उन्होंने थाना पर सूचना दी। प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राय सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और शव को उतारा। पूछताछ के दौरान पति ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली में काम करता था और कुछ दिन पहले बच्चों को लेकर आया था। उसकी पत्नी सबिता ने शुक्रवार की शाम उससे कहा था कि रिशांत को चच्पलें पहना दो। उसने पत्नी से कहा कि खुद क्यों नहीं पहना देती हो। इस बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। उसकी पत्नी ने बच्चे को पीट दिया था, जिससे वह नाराज हो गया था। उसने कहा कि दिल्ली से आने के बाद बराबर झगड़ा करती थी। इधर मृतका पिता सुखदेव ने बताया कि पति-पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राय ने बताया कि तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पिता के साथ नहीं गई मायके
मृतका के पति अमित ने बताया कि दिल्ली से आने के बाद उसकी सास ने फोन करके कहा था कि सविता और बच्चों को लेकर आ जाओ। उसने अपनी सास से कहा था कि मौसम ठीक नहीं है और तीन-चार दिन में पहुंचा देगे। एक दिन पहुंचाने के लिए तैयार हुआ तो पानी गिरने लगा। उसने बेड पर सोने नहीं दिया और बिस्तर छीन लिए, कहा कि बाहर जाकर सोना। तीन दिन पूर्व उसके पिता विदा कराने के लिए आए थे। उसने मायके जाने से मना कर दिया था। उसने पत्नी से कहा था कि पिता के साथ चली जाओ लेकिन वह नही गई। वह मंगलवार को उसे लेकर ससुराल जाने को था। जब तक यह घटना हो गई।