बरेली नगर निगम: नई बिल्डिंग में पार्षद कक्ष की फॉल्स सीलिंग गिरी, घटिया निर्माण का आरोप...मेयर ने मांगी रिपोर्ट
बरेली, अमृत विचार: नगर निगम की नई बिल्डिंग में पार्षद कक्ष की फाल्स सीलिंग गिर गई। इससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया। सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए मेयर उमेश गौतम से लिखित शिकायत की है। मेयर के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त सुनील यादव ने पार्षदों के साथ कक्ष का निरीक्षण कर आश्वस्त किया कि कमियों को जल्द ठीक करा दिया जाएगा।
पार्षद कक्ष की फाल्स सीलिंग सोमवार सुबह ढह गई। दोपहर के वक्त पार्षद गौरव सक्सेना पहुंचे तो कक्ष में फाल्स सीलिंग का मलबा पड़ा हुआ था। उन्होंने घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह फाल्स सीलिंग टूटकर गिर रही है, किसी भी दिन पार्षदों के साथ हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली बोर्ड की बैठक में भी उन्होंने घटिया निर्माण का मुद्दा उठाया था। तब आश्वासन दिया गया था कि जल्द व्यवस्था दुरुस्त करा दी जाएगी। लेकिन हालात जस के तस हैं। उन्होंने निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग की।
गौरव की शिकायत पर मेयर ने अपर नगर आयुक्त और सहायक अभियंता मुकेश शाक्य का जवाब तलब किया है। सहायक अभियंता ने मेयर को बताया कि एसी चालू करने के लिए फॉल्स सीलिंग काटकर वायरिंग ठीक की जा रही है। कोई और समस्या है तो जल्द उसका निदान कर दिया जाएगा।
बैठने का इंतजाम भी नहीं: गौरव सक्सेना ने पार्षद कक्ष में बैठने का इंतजाम न होने की भी मेयर से शिकायत की। कहा, 80 पार्षदों के बैठने के लिए पार्षद कक्ष में सिर्फ एक मेज और पांच कुर्सी पड़ी हैं। अगर 50 पार्षद आ जाएं तो कहां बैठेंगे।
घटिया निर्माण, वह भी समय से नहीं
नगर निगम की नई बिल्डिंग का निर्माण का ठेका वीके कंस्ट्रक्शंस को 2021 में दिया गया था जिसे 2023 में पूरा होना था लेकिन धीमे निर्माण कार्य की वजह से काम अब तक अधूरा है। ऑडिटोरियम नहीं बन पाया है, फर्नीचर समेत कई और काम पूरे नहीं हुए हैं।
अक्टूबर 2024 में निर्माणाधीन नई बिल्डिंग का नगर आयुक्त ने निरीक्षण किया था। ऑडिटोरियम में उन्होंने जांच की तो हाथ लगाते ही मसाला झड़ने लगा। नगर आयुक्त ने कार्यदायी एजेंसी को चेतावनी दी लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।
गंभीर यह है कि निर्माण की गुणवत्ता खराब होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं गई है। कुछ दिन पहले पीली ईंट का इस्तेमाल पकड़ा गया था। फर्म पर जुर्माना लगाने के बाद भी यह क्रम नहीं रुका। अफसरों ने कई मामले सामने आने पर भी सख्ती नहीं की।
नगर निगम में ही घटिया निर्माण वार्डों में भी उदाहरण बन गया। सड़कों और नालियों के निर्माण में पिछले कुछ महीनों से लगातार गड़बड़ियां पकड़ी जा रही हैं। हाल ही में नगर आयुक्त की ओर से निर्माण विभाग को भी चेतावनी जारी की गई है।
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