किशोरी को मिला न्याय: कोर्ट ने दुष्कर्म के दोषी को 192 दिन में सुनाई 10 साल कारावास की सजा
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के चिनहट में किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी अजय कुमार को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश ने 10 साल की सजा सुनाई। वारदात के सात दिन में ही पुलिस ने गंभीर मामले में चार्जशीट न्यायालय में पेश की थी। प्रभावी पैरवी से वारदात के 192 दिन में आरोपी को सजा हुई।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि जुलाई 2024 में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) एक्ट प्रभावी हुआ। जिसके बाद लखनऊ में दर्ज हुए मामलों में पहला निर्णय चिनहट कोतवाली में दर्ज हुए दुराचार की घटना में आया। 12 सितंबर 2024 की शाम 17 वर्षीय किशोरी दवा लेने के लिए घर से निकली थी।
चिनहट कस्बा अभिषेक मेडिकल के पास पहुंचने पर बुद्ध विहार निवासी आरोपी अजय कुमार ने चाकू की नोंक पर दुष्कर्म किया था। किशोरी को बेसुध हालत में छोड़ कर आरोपी भाग गया था। मामले की रिपोर्ट चिनहट कोतवाली में दर्ज हुई थी।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि आरोपी अजय को गिरफ्तार करने के साथ ही विवेचना को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। एसओ चिनहट भरत पाठक और विवेचक श्रीप्रकाश सिंह के प्रयास से सात दिन में चार्जशीट न्यायालय में पेश की थी।
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय एवं अरुण कुमार ने अदालत में प्रभारी पैरवी की। जिस पर पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने निर्णय सुनाते हुए दस साल और 50 हजार जुर्माने से अजय कुमार को दण्डित किया है।
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