Kanpur के निवेशकों के 2 हजार करोड़ रुपये फंसे; शेयर बाजार हुआ धड़ाम, संभलकर निवेश करने की सलाह 

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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अमेरिका की नई टैरिफ नीति और चीन की तीखी प्रतिक्रिया का असर

कानपुर, अमृत विचार। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति और चीन की तीखी प्रतिक्रिया ने वैश्विक बाजारों में कोहराम मचा दिया है। शहर के निवेशकों पर भी इसका असर पड़ा है। सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने गोता लगा दिया। इससे शहर के निवेशकों के करीब दो हजार करोड़ रुपये बाजार में फंस गए। आर्थिक व शेयर बाजार विशेषज्ञों ने निवेशकों को संभलकर निवेश करने की सलाह दी है। 

केश्री ब्रोकिंग के को फाउंडर आर्थिक व शेयर बाजार के विशेषज्ञ राजीव सिंह ने बताया कि भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को आई बड़ी गिरावट से शहर के निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। बाजार खुलते ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 18 लाख करोड़ रुपये घट गया था। इसके बाद दोपहर बाद निचले स्तरों से थोड़ी रिकवरी देखने को मिली जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन कुछ बढ़ा। सेबी द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार एनएसई के कैश सेगमेंट में कानपुर की औसत हिस्सेदारी 0.15 प्रतिशत है। 

वहीं बीएसई के कैश सेगमेंट में औसत हिस्सेदारी 0.08 प्रतिशत है। इससे पहले भारतीय शेयर बाजार में 4 जून 2024 को लोकसभा चुनावों के नतीजों के दिन बड़ी गिरावट आई थी। तब निफ्टी और सेंसेक्स इस दिन 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरा था। 

क्रिप्टो करेंसी में भी बिकवाली

शेयर बाजार के अलावा क्रिप्टो करेंसी में भी तेज गिरावट रही। पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली वहीं एथेरियम करेंसी में 15 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।

आरबीआई कर सकता है ब्याज दरों में कटौती 

आर्थिक विशेषज्ञों ने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती पर सहमति बन सकती है। चालू वित्त वर्ष की पहली बैठक सोमवार से शुरू हो चुकी है। 

उम्मीद जताई जा रही है कि आरबीआई नीतिगत रीपो रेट में कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है। अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो यह शेयर बाजार के लिए थोड़ी राहत की बात होगी। गौरतलब है कि फरवरी में मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी, जो पांच साल में पहली बार हुआ था।

गिरावट के प्रमुख कारण रहे

- चीन की जवाबी प्रतिक्रिया से टैरिफ वार गहराने की आशंका
- कमजोर मांग से वैश्विक मंदी का खतरा 
- बेरोजगारी और महंगाई में वृद्धि की आशंका
- विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली

‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपनाएं 

आर्थिक विशेषज्ञों ने बताया कि किसी को भी यह अंदाजा नहीं है कि ट्रंप के टैरिफ वार से पैदा हुई यह हलचल कैसा रूप लेगी। इस उथल-पुथल के दौर में ‘वेट एंड वॉच’ सबसे अच्छा रणनीति साबित हो सकती है। विशेषज्ञों ने निवेशकों से अफवाहों से बचने और प्रतिकूल परिस्थितियों में एक्सपर्ट की मदद लेने की सलाह दी है। 

यह भी बताया कि शेयर बाजार में निवेशकों के बीच डर का संकेत देने वाले वोलैटिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स) में सोमवार को 65.70 फीसदी की तेजी दर्ज की। जो अबतक की सबसे बड़ी तेजी है। इशारा साफ है कि आने वाले दिनों में भी बाजार में उथल-पुथल बनी रह सकती है।

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