Sensex-Nifty में आई बड़ी गिरावट, मुनाफा वसूली से शेयर बाजार ढेर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे टूटकर 85.37 पर बंद
मुंबई। राष्ट्रपति डोनालड ट्रंप के कर-कटौती विधेयक से अमेरिका का राजकोषीय घाटा बढ़ जाने की आशंका के बीच स्थानीय स्तर पर हुई जबरदस्त मुनाफावसूली से आज शेयर बाजार की पिछले लगातार दो दिनों की तेजी थम गई तथा सेंसेक्स और निफ्टी आधे प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 624.82 अंक अर्थात 0.76 प्रतिशत लुढ़ककर 81,551.63 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 174.95 अंक यानी 0.70 प्रतिशत का गोता लगाकर 24826.20 अंक रह गया।
हालांकि बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। इससे मिडकैप 0.18 प्रतिशत बढ़कर 45,191.80 अंक और स्मॉलकैप 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 51,865.29 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान बीएसई में कुल 4084 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1979 में बिकवाली जबकि 1957 में लिवाली हुई वहीं 148 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी में कारोबार के लिए रखी गई कुल 2955 कंपनियों के शेयरों में से 1462 में गिरावट जबकि 1412 में तेजी रही वहीं 81 में टिकाव रहा।
बीएसई में हेल्थकेयर, इंडस्ट्रियल्स, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स और दूरसंचार की 0.78 प्रतिशत तक की तेजी को छोड़कर अन्य 15 समूहों में मुनाफावसूली हुई। इस दौरान कमोडिटीज 0.42, सीडी 0.36, ऊर्जा 0.61, एफएमसीजी 0.79, वित्तीय सेवाएं 0.38, आईटी 0.71, यूटिलिटीज 0.57, ऑटो 0.66, बैंकिंग 0.60, धातु 0.52, तेल एवं गैस 0.51, पावर 0.35, टेक 0.49, सर्विसेज 0.38 और फोकस्ड आईटी समूह के शेयर 0.68 प्रतिशत लुढ़क गए।
विश्व बाजार का रुझान सकारात्मक रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 1.05, जर्मनी का डैक्स 0.80, जापान का निक्केई 0.51 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.43 प्रतिशत मजबूत रहा वहीं चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.18 प्रतिशत की गिरावट रही।
रुपया 27 पैसे टूटकर 85.37 प्रति डॉलर पर
अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट तथा विदेशी कोषों के निवेश में कमी के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे टूटकर 85.37 (अस्थायी) पर आ गया। विदेशी मुद्रा विश्लेषकों के अनुसार, निवेशक अप्रैल के घरेलू औद्योगिक और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़ों के साथ-साथ इस सप्ताह जारी होने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़ों के इंतजार में भी सावधानी बरत रहे हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 85.15 पर खुला और दिन के कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.11 के उच्च और 85.45 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा। अंत में रुपया 85.37 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद के मुकाबले 27 पैसे की गिरावट है। पिछले सत्र में शुक्रवार को 50 पैसे की बढ़त लेने के बाद सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे बढ़कर 85.10 पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू शेयर बाजार और सकारात्मक अमेरिकी डॉलर सूचकांक के कारण रुपये में गिरावट आई। कमजोर विदेशी निवेश ने भी रुपये पर दबाव डाला। उन्होंने कहा, ‘‘आयातकों की मासांत की डॉलर मांग भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक में समग्र कमजोरी और वैश्विक जोखिम भावनाओं में सुधार से रुपये को समर्थन मिल सकता है।
डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 85 से 85.70 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।’’ इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.45 प्रतिशत बढ़कर 99.31 पर कारोबार कर रहा था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.31 प्रतिशत बढ़कर 64.94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 624.82 अंक गिरकर 81,551.63 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 174.95 अंक के नुकसान के साथ 24,826.20 अंक पर आ गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध आधार पर 135.98 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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