लखनऊ : बिजली अभियंताओं पर कार्रवाई उद्योगपतियों के इशारे पर, उपभोक्ता परिषद ने लगाये आरोप
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाते हुए कहा कि निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत बिजली अभियंताओं पर विजिलेंस की ओर से की गई कार्रवाई उद्योगपतियों के इशारे पर की गई है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों में जिस प्रकार की कार्रवाई चल रही है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि बिजली कंपनी को पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन नहीं बल्कि उद्योगपतियों का प्रबंध चला रहा है।
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को खरीदने के पहले कार्मिकों को कमजोर किया जा रहा है, ताकि वे अपने अधिकारों की लड़ाई न लड़ पाएं और उद्योगपति बिजली कंपनियों को कम लागत में फायदा कमाने के लिए खरीद सकें। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक और आसंवैधानिक है। उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर उपभोक्ता चुप बैठने वाले नहीं हैं।
आरक्षित वर्ग के अधिकारियों में भी रोष
निजीकरण के नाम पर अभियंता कार्मिकों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई से पूरे प्रदेश के अनुसूचित वर्ग व पिछड़े वर्ग के अभियंताओं में भारी रोष व्याप्त हो गया है। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की शनिवार को हुई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ पूरे प्रदेश में अनुसूचित व पिछड़े वर्ग के अभियंता चुप नहीं बैठेंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी केन, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा व संगठन सचिव बिंदा प्रसाद ने साझा बयान में कहा कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन को इस प्रकार की कार्रवाई से बाज आना चाहिए। उन्होंने कहा कि संवैधानिक रूप से आंदोलन करने का सभी संगठनों को अधिकार है वह अपने संवैधानिक अधिकार के तहत निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
ये भी पढ़े : योगी सरकार दे रही सब्सिडी, कृषि ड्रोन-यंत्र खरीदने पर मिलेगी भारी छूट, 12 जुलाई तक कर सकते है आवेदन
