UP News: चुनावी मोड में अहम होगी 5वीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी, सिर्फ एमओयू नहीं होगा, निवेश प्रस्तावों को जमीन पर दिखाएगी योगी सरकार
लखनऊ, अमृत विचार: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर योगी सरकार पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-V) की रूपरेखा में काफी बदलाव कर रही है। औद्योगिक विकास विभाग ने इस बार आयोजन को केवल निवेश प्रदर्शन तक सीमित न रखकर, हर जिले और विभाग को निवेश का स्पष्ट टारगेट सौंपा है। इसका मकसद है कि निवेश समझौते अब कागज पर नहीं, जमीन पर उतरते नजर आएं। सरकार सिर्फ एमओयू नहीं करेगी, बल्कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उसी समय उतारने की योजना बना रही है।
विभाग ने सभी जिलों और विभागों को एक मानक रिपोर्टिंग शीट भेजी है। जिसमें उन्हें हर सप्ताह अपनी प्रगति रिपोर्ट देनी होगी। इसमें निवेश प्रस्तावों की स्थिति, भूमि आवंटन, एनओसी, और परियोजनाओं की मंजूरी से जुड़ी सूचनाएं शामिल होंगी। इस बार सरकार ने निवेश कार्यान्वयन को लेकर सिंगल-पॉइंट सिस्टम बनाया है। हर विभाग और हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं, जिनका मुख्य काम निवेशकों की दिक्कतें मौके पर ही सुलझाना होगा।
सबसे बड़ा लक्ष्य उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को दिया गया है। विभाग ने यूपीसीडा को करीब 70,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने का दायित्व सौंपा है। औद्योगिक विकास आयुक्तालय इन प्रोजेक्ट्स की हर सप्ताह समीक्षा करेगा। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी अब इस आयोजन की निगरानी सीधे अपने स्तर से शुरू कर दी है। हर प्रस्ताव का अद्यतन विवरण सीएम डैशबोर्ड पर अपलोड किया जाएगा ताकि प्रगति पारदर्शी ढंग से मॉनिटर हो सके।
छोटे शहरों को भी ‘बराबर हिस्सेदारी’ की नीति
औद्योगिक विकास विभाग के साथ-साथ नगर विकास विभाग ने तय किया है कि नगर पंचायतों को आबादी के अनुपात में विकास फंड आवंटित किया जाएगा। खास बात यह है कि यह फंड सभी नगर पंचायतों में बराबर-बराबर वितरित किया जाएगा ताकि विकास का फायदा छोटे कस्बों तक पहुंचे। फिलहाल प्रदेश में 545 नगर पंचायतें हैं। इनमें से नई गठित पंचायतों में यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। उनसे विकास कार्यों के प्रस्ताव ऑनलाइन लिए जाएंगे और स्वीकृत राशि सीधे पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
फंड उपयोग का ट्रैक रखने को बनेगा पोर्टल
निकायों द्वारा प्राप्त फंड की खर्च रिपोर्टिंग के लिए एक डिजिटल पोर्टल विकसित किया जा रहा है। स्थानीय निकाय निदेशालय इसके लिए ढांचा तैयार कर रहा है, ताकि हर खर्च का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध हो। इस पोर्टल पर पंचायतों को अपने प्रोजेक्ट की फोटो, प्रगति रिपोर्ट और भुगतान विवरण अपलोड करने होंगे। इससे निगरानी और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार का लक्ष्य इस आयोजन के जरिए अब तक मिले साढ़े चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को कार्यान्वयन के स्तर पर ले जाना है। पिछली चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में राज्य को करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे, जिनमें से आधे से अधिक प्रोजेक्ट अब निर्माण या संचालन की स्थिति में हैं।
यूपी की चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का रिकॉर्ड
आयोजन वर्ष निवेश प्रस्ताव ( करोड़ रु) धरातल पर उतरे प्रोजेक्ट (%) अनुमानित रोजगार
2018 61,500 73% 81,000
2019 65,000 68% 90,000
2022 80,000 60% 1.25 लाख
2023 1,65,000 52% 2.5 लाख
