200 संत के साथ चित्रकूट रवाना हुई भरत यात्रा, 50 वर्ष से अनवरत चल रही यात्रा :महंत कमल नयन
अयोध्या, अमृत विचार: राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास छावनी से शुक्रवार को 200 से अधिक साधु-संतों के साथ 53वीं भरत यात्रा चित्रकूट धाम के लिए रवाना हुई। इसके पहले उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में साधु संतों ने भरत और शत्रुहन का प्रतिकात्मक स्वरूप का पूजन किया।
अयोध्या से निकली पांच दिन की भरत यात्रा नंदीग्राम के बाद कुशभावनपुर, प्रयागराज के रास्ते चित्रकूट पहुंचेगी। साधु-संत जगह-जगह रुक कर भगवान श्रीराम और भरत के बीच के प्रेम संबंध और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का बखान करेंगे। चित्रकूट में 12 नवंबर को श्री राम और मिलन का आयोजन होगा। इसके बाद 13 नवंबर को यात्रा वापस अयोध्या आएगी।
मणिरामदास छावनी उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने बताया कि यह यात्रा आज से 50 वर्ष पूर्व प्रारम्भ की गई थी, तब यह यात्रा अनवरत चल रही है। हनुमान मंदिर गुप्ता घाट के महंत विमल दास ने बताया कि मणिराम दास छावनी से वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजन अर्चन के बाद भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप के साथ श्री भरत यात्रा रवाना हुई। जो विभिन्न दर्शनीय स्थल नंदीग्राम,सुलतानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज में धार्मिक अनुष्ठान करते हुए 12 नवम्बर को चित्रकूट पहुंचेगी। इस दौरान महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, राम मंदिर के ट्रस्टी चंपतराय, अधिकारी राजकुमार दास, रामशंकर दास रामायणी समेत सैकड़ों साधु संत शामिल है।
