Sheikh Hasina : क्या टलेगी सजा-ए-मौत...शेख हसीना के बचाव में आया UN, किया कड़ा विरोध

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Published By Anjali Singh
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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरुद्ध फैसले को पीड़ितों के लिए एक “महत्वपूर्ण क्षण” बताया, लेकिन मृत्युदंड दिए जाने पर खेद भी व्यक्त किया। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को यहां दैनिक प्रेस वार्ता में कहा कि गुतारेस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क के इस रुख से पूरी तरह सहमत हैं कि "हम किसी भी परिस्थिति में मृत्युदंड के इस्तेमाल के खिलाफ हैं।" 

दुजारिक बांग्लादेशी अदालत द्वारा हसीना को उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाए जाने पर संरा महासचिव की प्रतिक्रिया से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सोमवार को हसीना को पिछले वर्ष जुलाई में उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के दौरान किए गए मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी पाया। 

पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में अपनी सरकार गिरने के बाद से भारत में रह रहीं हसीना (78) को न्यायाधिकरण ने उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई है। हसीना के सहयोगी और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी इसी तरह के आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई है। 

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने एक बयान में कहा कि हसीना और पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया फैसला “पिछले साल विरोध प्रदर्शनों के दमन के दौरान किए गए गंभीर उल्लंघनों के पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।” उन्होंने कहा, "हमें मृत्युदंड लागू करने पर भी खेद है, जिसका हम सभी परिस्थितियों में विरोध करते हैं।

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