Moradabad : BLO ने लगाई फांसी...सुसाइड नोट में लिखा-'एसआईआर ने उड़ा दी थी रातों की नींद'

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Published By Monis Khan
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भोजपुर, अमृत विचार। एसआईआर के काम में लगे एक और बीएलओ की मौत का मामला सामने आया। बीएलओ ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें एसआईआर के दौरान काम के दबाव के चलते फांसी लगाने की बात लिखी है। बीएलओ ने लिखा कि लक्ष्य पूरा नहीं कर पाने के डर से रात को नींद तक नहीं आ रही थी।

मामला भोजपुर के बहेड़ी ब्रहमान का है। यहां रहने वाले 43 साल के सर्वेश गांव जाहिदपुर सीकमपुर कंपोजिट स्कूल में 2009 से सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे। शनिवार की रात सर्वेश अपने मकान की दूसरी मंजिल पर मौजूद कमरे में सोने गए। जबकि पत्नी और चार बेटियां नीचे सो रहीं थीं। रविवार सुबह पत्नी बबली सर्वेश को जगाने कमरे में पहुंचीं तो अंदर का नजारा देख उनकी चीख निकल गई। सर्वेश का शव फांसी पर झूल रहा था। जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। खंड शिक्षा अधिकारी ब्लाक भगतपुर टांडा मोहित कुमार ने बताया कि एसआईआर का साठ- पैंसठ पर्सेंट काम पूरा हो चुका है फिर भी बीएलओ सर्वेश सिंह ने आत्महत्या क्यों की समझ में नहीं आ रहा है। इसकी विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है। 

पहली बार लगी थी बीएलओ की ड्यूटी
सर्वेश के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसमें उन्होंने लिखा कि 16 साल की नौकरी में पहली बार बीएलओ की ड्यूटी लगी। वह बूथ संख्या 406 पर रात दिन विशेष गह पुनरीक्षण अभियान का काम करने के बावजूद लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहे थे। जिसकी वजह से मानसिक तनाव था। लिहाजा रातें मुश्किल से कट रहीं थीं और दिन में तो चैन था ही नहीं। 

मेहनत से पढ़ा रहा था, एसआईआर ने दिया तनाव
शिक्षक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह स्कूल में बच्चों को मेहनत से पढ़ा रहा था। मगर अनुभव की कमी और पहली बार बीएलओ की ड्यूटी लगने से वोट बनाने में आ रहीं परेशानियों का दबाव सहन नही हो पाया। मानसिक तनाव के चलते रात को दो तीन घंटे भी नींद नही आ रही थी। मेहनत के बावजूद लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाने का डर दिल दिमाग में रहता था। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। उन्होंने अपनी पत्नी, बेटियों और स्कूल के छात्रों से क्षमा मांगते हुए जीवन लीला समाप्त कर ली। 

सरकारी नौकरी और परिवार को मिले आर्थिक मदद
सर्वेश के परिवार में पत्नी बबली के अलावा चार बेटियां तनिष्का (11),माही (8),नाईयू (5)और रूही (2) हैं। मृतक की बहन ने प्रशासन को भाई की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए विधवा भाभी बबली को सरकारी नौकरी देने और बेटियों की परवरिश एवं विवाह के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।‌

 

 

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