2028 तक लॉन्च होगा चंद्रयान-4 लूनर मिशन: खुद का अंतरिक्ष स्टेशन, जानिए  ISRO का प्लान 

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Published By Anjali Singh
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चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2028 तक भारी लैंडर और रोवर के साथ चंद्रयान-4 लूनर मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है जो प्रयोग के लिए चांद से नमूने लेकर धरती पर वापस आयेगा। इसरो चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने शनिवार शाम यहां एक निजी विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में कहा कि इस मिशन में उनके खास पेलोड, लैंडर और रोवर का वज़न अधिक होगा। ये चांद की सतह से नमूने लेंगे। यह क्षमता अभी सिर्फ़ अमेरिका, रूस और चीन ने दिखाई है। 

डॉ नारायणन ने बताया कि जहां चंद्रयान-3 के लैंडर का वज़न सिर्फ 1600 किलो था, वहीं चंद्रयान-4 के लैंडर का वज़न 6,800 किलोग्राम होगा। इसी तरह, चंद्रयान-3 के रोवर का वज़न सिर्फ 25 किलो था, जबकि नए चंद्रयान के रोवर का वज़न 350 किलो होगा। चांद की मिट्टी के नमूने वापस लाने के लिए तैयार किया जा रहा चंद्रयान-4 मिशन इसरो का सबसे जटिल प्रयास होगा। डॉ. नारायणन ने विद्यार्थियों के साथ इसरो के कई कार्यक्रम साझा किये जिन पर अभी काम जारी है। 

इसमें 2040 में एक स्पेस स्टेशन बनाना, चांद पर मानवयुक्त मिशन और 40 मंज़िला इमारत के बराबर ऊंचाई वाला अब तक का सबसे ऊंचा रॉकेट बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि अभी पृथ्वी की कक्षा में 57 भारतीय उपग्रह हैं जिनका टीवी प्रसारण, दूरसंचार, टेली-शिक्षा, टेली-चिकित्सा, पृथ्वी अवलोकन, आपदा चेतावनी और शमन, रेलगाडियों के आवागमन संबंधी आंकड़ों के अलावा समुद्र में संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्रों की निगरानी जैसे ज़रूरी क्षेत्रों में आवश्यक अनुप्रयोग हो रहा है।


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