UP: बुलडोजर बरातघर पर नहीं मेरे सीने पर चला है...सरफराज वली खां बयां किया दर्द
बरेली, अमृत विचार। बरेली विकास प्राधिकरण की सूफी टोला में दो बरातघरों पर दो दिन से जारी कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद एवान ए फरहत बरातघर के मालिक सरफराज वली खां का गुरुवार को दर्द छलक हुई। मीडिया के सामने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि ये बुलडोजर बरातघर पर नहीं मेरे सीने पर चला है। इस दौरान उनके परिवार के अन्य लोग भी मौजूद रहे।
बरातघर के संचालक पक्ष के अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट का स्टे आर्डर लेकर जब मौके पर पहुंचे, उसके कुछ देर बाद ही एवान ए फरहत के मालिक सरफराज वली खां भी मौके पर आ गए। बरातघर के मलबे से ईंट उठाकर बोले कि ये देखें इस पर वर्ष 1942 की तिथि पड़ी हुई। इसकी नींव गवाही दे रही है कि इसका निर्माण देश की आजादी से पहले हुआ था। बीडीए अफसरों को तमाम दस्तावेज भी दिखाए, लेकिन बरातघर तोड़ दिया गया।
मौलाना तौकीर से कभी कोई वास्ता नहीं रहा
सरफराज वली खां ने इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कहा कि अचानक मेरे बरातघर पर क्यों कार्रवाई की गई ये समझ से परे हैं, जबकि मेरा या मेरे परिवार के किसी सदस्य का मौलाना तौकीर से कभी कोई वास्ता नहीं रहा है।
