हर गांव में खुलेगी ‘किसान पाठशाला’, UP की पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने को महाराष्ट्र में मिलेगा गुरुमंत्र
लखनऊ, अमृत विचार: उप्र. की पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने का गुरुमंत्र महाराष्ट्र से मिलेगा। राज्य के 23 जिलों से कुल 29 ऐसे प्रतिभागियों का चयन किया गया है, जो महाराष्ट्र रवाना हो चुके हैं और वहां 11 दिसंबर तक पंचायतों में नई तकनीक के साथ विकास करने की बारीकियां सीखेंगे।
नवाचार मॉडल की बारीकियां सीखने के बाद ये प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश लौटेंगे और फिर प्रति ग्राम पंचायत किसान पाठशाला लगेगी। इस पाठशाला में 80 से 100 किसान प्रतिभाग करेंगे, जिनके बीच प्रतिनिधि सीखे गए मॉडल्स को उनके गांवों में लागू करने के उपाय और रास्ते सुझाएंगे।
महाराष्ट्र में ऐसे हजारों गांव हैं, जहां उनके सफल मॉडलों के कारण ग्रामीणों ने अपने बल पर गांवों को नई दिशा दी है। पंचायती राज विभाग की इस पहल का मूल उद्देश्य उत्तर प्रदेश की पंचायतों को अधिक सक्षम, आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने का है।
महाराष्ट्र दौरे में यूपी के चुनिंदा विजिटर्स को उन पंचायतों में ले जाया जाएगा, जहां स्वच्छता प्रबंधन, अपने बूते आय के संसाधन बनाना, सामाजिक उद्यमिता, बायोगैस-आधारित ऊर्जा मॉडल और सामुदायिक सहभागिता जैसी एडवांस कार्यसंस्कृति विकसित है। ऐसे में यूपी विजिटर्स वहां के ग्राम पंचायतों में हो रहे उत्कृष्ट व सफल मॉडल्स को अपने क्षेत्रों में लागू कर सकेंगे।
विश्वास है कि महाराष्ट्र का अनुभव हमारे युवाओं, प्रतिनिधियों और अधिकारियों की सोच को व्यापक बनाएगा। ऐसे में यूपी की पंचायतें नवाचार आधारित विकास की ओर और तेज़ी से अग्रसर होंगी।
- ओमप्रकाश राजभर, पंचायती राज मंत्री
हमारे लोगों के लिए सीख, अनुभव और नेतृत्व विकास का अनोखा अवसर है। वहां से मिली जानकारी को वे अपने-अपने ग्राम पंचायतों में लागू करेंगे और वहीं से एक नई विकास यात्रा आगे बढ़ेगी।
- अमित कुमार सिंह (निदेशक, पंचायती राज विभाग)
