संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा : राजनाथ सिंह बोले- मां भारती की दो आंखें और दो किलकारियां हैं राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि वंदे मातरम् का गौरव लौटाना समय तकाजा है और इसकी गरिमा को पुन:स्थापित करने का सरकार प्रयास कर रही है। राजनाथ सिंह ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण वंदेमातरम् गीत के साथ अन्याय किया गया।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् की वर्षगांठ का उत्सव दिखावा नहीं है, बल्कि उसके गौरव को वापस लाने का मौका है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ को पूरे उत्साह से मनाने के पीछे सरकार की मंशा राष्ट्र गान की गरिमा कम करना है। यह बात एकदम गलत है। राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत मां भारती की दो किलकारियां हैं, दो आंखें हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् को मोहम्मद अली जिन्ना की नजर से देखा गया और तभी इसके कुछ अंतरों को निकाला गया। मोहम्मद अली जिन्ना की सोच से इत्तफाक रखने वालों ने ही वंदेमातरम् की कुछ पंक्तियों को हटवाया।
उन्होंने कहा कि यही तुष्टीकरण की नीति देश के विभाजन का कारण बनी। राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार सबका विकास, सबका विश्वास की नीति पर चलती है। सरकार तुष्टीकरण की राजनीति से हटकर सभी के कल्याण के लिए काम करती है।
टोके जाने पर राजनाथ ने जताई नाराजगी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान किसी विपक्षी सदस्य के बीच में टोकने पर सख्त नाराजगी जताई। सिंह, ‘‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चर्चा’’ में भाग लेते हुए बोल रहे थे, तभी विपक्ष की ओर से किसी सदस्य ने कुछ टिप्पणी की।
इस पर रक्षा मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘‘संसद में कोई चाहे जो बोले, सच बोले, सत्य से थोड़ा परे भी बोले, लेकिन शोर-शराबा नहीं मचाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाद में, जब भी बोलने का अवसर मिले, आप प्रतिकार कर सकते हैं। संसद की यह मर्यादा है। सदैव मैंने इसका ध्यान रखा है।’’
