Junior Hockey World Cup 2025: दबाव से पार पाकर नौ साल बाद जूनियर हॉकी विश्व कप में पदक जीतने के इरादे से उतरेगा भारत 

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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चेन्नई। जर्मनी के हाथों करारी हार के साथ खिताब का सपना टूटने के बाद भारतीय टीम जूनियर हॉकी विश्व कप के कांस्य पदक के मुकाबले के लिये बुधवार को अर्जेंटीना के खिलाफ उतरेगी तो नौ साल बाद पदक जीतने के लिये उसे दबाव में गलतियां करने की आदत से पार पाना होगा। पिछले दो विश्व कप में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम को उन गलतियों को दोहराने से बचना होगा जो उसने सेमीफाइनल में सात बार की चैम्पियन जर्मनी के खिलाफ की और 1-5 से पराजय झेलनी पड़ी। भुवनेश्वर में 2021 में और कुआलालम्पुर में 2023 में हुए जूनियर विश्व कप में भारत क्रमश: फ्रांस और स्पेन से 3-1 से हारकर चौथे स्थान पर रहा था। होबर्ट में 2001 के बाद भारत ने दूसरा और आखिरी खिताब 2016 में लखनऊ में जीता था। 

तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके भारतीय टीम के मुख्य कोच पी आर श्रीजेश को बखूबी पता है कि यह पदक उनकी टीम के लिये कितना जरूरी है लेकिन उन्हें यह भी अहसास है कि सेमीफाइनल में स्पेन के खिलाफ आखिरी मिनटों में गोल गंवाकर 1-2 से हारी अर्जेंटीना की चुनौती को कमतर नहीं आंका जा सकता । दो बार की चैम्पियन अर्जेंटीना ने 2021 में फाइनल में जर्मनी को 4-2 से हराकर खिताब जीता था। राउंड रॉबिन चरण में शानदार फॉर्म में रही भारतीय टीम ने 29 गोल किये थे और एक भी गोल गंवाया नहीं था लिहाजा गोलकीपर और डिफेंस को कोई चुनौती नहीं मिल सकी थी। 

क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम के खिलाफ 45 मिनट तक एक गोल से पिछड़ने के बाद तीन मिनट के भीतर कप्तान रोहित और शारदानंद तिवारी के गोलों के दम पर भारत ने बढत बना ली लेकिन आखिरी सीटी बजने से एक मिनट बाकी रहते गोल गंवाकर मैच को पेनल्टी शूटआउट में जाने दिया। शूटआउट में हालांकि भारत ने जीत दर्ज की लेकिन मैच निर्धारित समय के भीतर ही खत्म हो सकता था। इसके बाद पिछली चैम्पियन जर्मनी के सामने तो डिफेंस पूरी तरह चरमरा गया और फॉरवर्ड पंक्ति गोल करने के मौके ही नहीं बना सकी। पूरे मैच में भारत को एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर मिला जबकि जर्मन टीम ने ‘वन टच’ यूरोपीय हॉकी खेलकर दबाव बनाये रखा। 

कोच श्रीजेश ने कहा था, ‘‘हमें अपने खेल पर नियंत्रण रखना सीखना होगा और बड़ी टीमों को इतने मौके देने से बचना होगा। विरोधी टीम के अच्छा खेलने पर दबाव में आकर हम अपने बेसिक्स ही भूल जाते हैं जिससे उबरना होगा। गोल करने के मौके बनाना और तब्दील करना जरूरी है। छोटी छोटी गलतियां ही भारी पड़ रही हैं जिनसे बचना होगा।’’ 

भारत की क्वार्टर फाइनल की जीत के नायक रहे गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन पूरे डिफेंस को एक ईकाई के रूप में अच्छा खेलना होगा। वहीं फॉरवर्ड पंक्ति को सर्कल के भीतर गलतियां करने, लंबे हवाई पास और गेंद पर नियंत्रण खो देने की कमी को दूर करना होगा। पूल चरण में शानदार प्रदर्शन करने वाले दिलराज सिंह, अर्शदीप सिंह, मनप्रीत सिंह और खुद कप्तान रोहित को उसी लय में खेलना होगा। 

दूसरी ओर अर्जेंटीना टीम अपने पूल में तीन में से दो मैच जीतकर शीर्ष पर रही थी और क्वार्टर फाइनल में उसने नीदरलैंड को एक गोल से हराया। टूर्नामेंट से पहले भारत और अर्जेंटीना ने तीन अभ्यास मैच मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर ही खेले थे जिसमे पहला 1-1 से ड्रॉ रहा, दूसरा भारत ने 5-3 से और तीसरा अर्जेंटीना ने 2-1 से अपने नाम किया था। अर्जेंटीना के कोरिया ब्रूनो टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में हैं और छह गोल कर चुके हैं। मैच शाम 5.30 से शुरू होगा जिसके बाद फाइनल जर्मनी और स्पेन के बीच खेला जायेगा । 

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