Dilip Kumar ने इन फिल्मों में निभाया दमदार किरदार, दर्शकों में बनाई खास जगह 

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Published By Anjali Singh
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वर्ष 1957 में प्रदर्शित बी.आर.चोपड़ा की फिल्म नया दौर में पहले दिलीप कुमार के साथ नायिका की भूमिका के लिये मधुबाला का चयन किया गया और मुंबई में ही इस फिल्म की शूटिंग की जानी थी, लेकिन बाद मे फिल्म के निर्माता को लगा कि इसकी शूटिंग भोपाल में भी करनी जरूरी है। मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान ने बेटी को मुंबई से बाहर जाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। उन्हें लगा कि मुंबई से बाहर जाने पर मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच का प्यार और परवान चढ़गा और वह इसके लिए राजी नही थे। 

बाद मे बी.आर.चोपड़ को मधुबाला की जगह वैजयंती माला को लेना पड़। अताउल्लाह खान बाद में इस मामले को अदालत में ले गये और इसके बाद उन्होंने मधुबाला को दिलीप कुमार के साथ काम करने से मना कर दिया और यहीं से दिलीप कुमार और मधुबाला की जोड़ी अलग हो गयी। वर्ष 1960 में दिलीप कुमार के सिने करियर की एक और अहम फिल्म मुगले आजम प्रदर्शित हुयी। 

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर के.आसिफ के निर्देशन में सलीम-अनारकली की प्रेमकथा पर बनी इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शहजादे सलीम की भूमिका को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया, जबकि अनारकली की भूमिका में मधुबाला थी।वर्ष 1961 में प्रदर्शित फिल्म गंगा जमुना के जरिये दिलीप कुमार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। फिल्म गंगा जमुना में दिलीप कुमार ने हिंदी और भोजपुरी का मिश्रण किया और उनका यह प्रयोग काफी सफल रहा।इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ उनके भाई नासिर खान ने भी अभिनय किया।

फिल्म की सफलता के बाद दिलीप कुमार ने इसके बाद भी फिल्म बनाने का निश्चय किया लेकिन इन्कमटैक्स वालों के बुरे वर्ताव के कारण उन्होंने फिर कभी फिल्म निर्माण करने से तौबा कर ली। वर्ष 1966 में दिलीप कुमार ने फिल्म अभिनेत्री सायरा बानो के साथ निकाह कर लिया।वर्ष 1967 में प्रदर्शित फिल्म राम और श्याम दिलीप कुमार के सिने करियर की एक और सुपरहिट पल्म साबित हुयी।

दो जुडवां भाइयों की कहानी पर आधारित इस फिल्म में दब्बू और निडर के रूप में दोहरी भूमिकाओं को दिलीप कुमार ने बेहद सधे अंदाज में निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया था।बाद मे फिल्म राम और श्याम से प्रेरणा लेकर फिल्मकारों ने कई दोहरी भूमिका वाली फिल्मो का निर्माण किया। 

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