ब्लैक फंगस का लखनऊ में कहर जारी, सिप्स अस्पताल में एक और मरीज की मौत

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लखनऊ। राजधानी में ब्लैक फंगस से आज एक और मरीज की मौत हो गई है। उसे गंभीर हालत में एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था। ब्लैक फंगस से लखनऊ में अब तक की ये दूसरी मौत है। सिप्स अस्पताल के निदेशक डॉ. राज मिश्र के मुताबिक गोरखपुर निवासी 54 वर्षीय पुरुष को 14 …

लखनऊ। राजधानी में ब्लैक फंगस से आज एक और मरीज की मौत हो गई है। उसे गंभीर हालत में एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया था। ब्लैक फंगस से लखनऊ में अब तक की ये दूसरी मौत है।

सिप्स अस्पताल के निदेशक डॉ. राज मिश्र के मुताबिक गोरखपुर निवासी 54 वर्षीय पुरुष को 14 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भर्ती के कुछ घंटे बाद मरीज को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया।

इलाज के दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। संक्रमण मरीज के ब्रेन तक पहुंच चुका था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि अब तक अस्पताल में ब्लैक फंगस की चपेट में आए छह मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है।

जिसमें तीन मरीज की कंडीशन स्टेबल है। इन मरीजों का ऑपरेशन भी हो चुका है। बाकी दो मरीज अभी भी अस्पताल में एडमिट हैं।
बता दें कि इससे पहले डॉ राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान में भी ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हो चुकी है।

ब्लैक फंगस क्या होता है?

म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस, फंगल संक्रमण से पैदा होने वाली जटिलता है। लोग वातावरण में मौजूद फंगस के बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आते हैं। शरीर पर किसी तरह की चोट, जलने, कटने आदि के जरिए यह त्वचा में प्रवेश करता है और त्वचा में विकसित हो सकता है।

कोविड-19 से उबर चुके हैं या ठीक हो रहे मरीजों में इस बीमारी के होने का पता चल रहा है। इसके अलावा, जिसे भी मधुमेह है और जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है, उसे इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी किए गए एक परामर्श के अनुसार, कोविड-19 रोगियों में निम्नलिखित दशाओं से म्यूकोर्मिकोसिस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

 

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