उत्‍तराखंड में उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ाने का फैसला, हटाए गए कर्मियों को भी वापस लिया जाएगा

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देहरादून, अमृत विचार। उत्तराखंड में जल्द ही उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ सकता है। उपनल कर्मियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए गठित की गई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में उनका मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि उपनल कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 15 हजार और अधिकतम 40 …

देहरादून, अमृत विचार। उत्तराखंड में जल्द ही उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ सकता है। उपनल कर्मियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए गठित की गई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में उनका मानदेय बढ़ाने का फैसला लिया गया। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि उपनल कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 15 हजार और अधिकतम 40 हजार तक किया जा सकता है।

इसी के साथ उप समिति के अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि किसी भी उपनल कर्मी को हटाया नहीं जाएगा। वहीं विभिन्न विभागों से हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा कार्य पर रखा जाएगा। उप समिति की सिफारिशें कैबिनेट के सम्मुख रखी जाएंगी। मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने राज्य गठन के बाद उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाया था। जिसमें पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों व अन्य युवाओं को उनकी योग्यता के हिसाब से विभिन्न विभागों में उपनल के जरिये नियुक्त किया जाता है।

इस समय प्रदेश में 20 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये लंबे समय से सरकारी सेवाओं में सेवायोजित करने और मानदेय वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर वे काफी समय तक आंदोलनरत भी रहे। इनकी समस्याओं के समाधान के लिए धामी सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। शुक्रवार को विधानसभा में उपनल कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में गठित उपसमिति की बैठक हुई। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व डॉ. धन सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

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