नैनीताल: पहाड़ के पानी को बचाने के लिए ग्रामीणों का प्रदर्शन, मिला उक्रांद का साथ

नैनीताल: पहाड़ के पानी को बचाने के लिए ग्रामीणों का प्रदर्शन, मिला उक्रांद का साथ

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड़ में भू कानून की मांग यूं ही नहीं उठ रही है। पहाड़ की जमीन को औने पौने दामों में खरीद कर व्यावसायिक उपयोग करने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। रामगढ़ ब्लॉक के गांव सतखोल शीतला में भी ऐसा ही एक मामला सामने आने पर गांववालों का गुस्सा फूट …

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड़ में भू कानून की मांग यूं ही नहीं उठ रही है। पहाड़ की जमीन को औने पौने दामों में खरीद कर व्यावसायिक उपयोग करने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। रामगढ़ ब्लॉक के गांव सतखोल शीतला में भी ऐसा ही एक मामला सामने आने पर गांववालों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने बाहरी लोगों द्वारा मनमाने ढंग से जमीन खरीद कर बोरिंग कर जलस्तर को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

उक्रांद नेता उत्तम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में रविवार को कार्यकर्ताओं ने गांव के लोगों के साथ विरोध दर्ज कराया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार पर गलत नीति अपनाने और पहाड़ से प्राकृतिक संसाधनों को तहस नहस करने का आरोप लगाया।  उन्होंने कहा कि मनमाने ढंग से बोरवेल खोदने का खामियाजा भविष्य में प्यूड़ा, दियारी, कफूड़ा, कुमाटी समेत अन्य गांवों को भी भुगतना पड़ सकता है। बता दें कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए स्थानीय ग्रामीण कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
युवा उक्रांद के जिलाध्यक्ष अशोक बोहरा ने कहा कि देवभूमि के पहाड़ सत्ताधारियों की शह पर लूट रहे हैं, लेकिन कोई सुधलेवा नहीं है। इस वजह से ग्रामीणों के समर्थन को उक्रांद ने हाथ बढ़ाए हैं। इस मौके पर गुड्डू बिष्ट, हिमांशु शर्मा, मनोज नेगी आदि मौजूद रहे।