क्रिकेट इतिहास के सबसे ‘कंजूस’ गेंदबाज बापू नाडकर्णी, 131 गेंदों में नहीं दिया एक भी रन
बापू नाडकर्णी भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सबसे कंजूस गेंदबाज के तौर पर याद किए जाते हैं। उनके नाम एक अद्भुत रिकॉर्ड दर्ज है। वह एक टेस्ट में लगातार 131 गेंदों में एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान रखते है। बापू नाडकर्णी ने 58 साल पहले आज (12 जनवरी, 1964) ही के दिन यह …
बापू नाडकर्णी भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सबसे कंजूस गेंदबाज के तौर पर याद किए जाते हैं। उनके नाम एक अद्भुत रिकॉर्ड दर्ज है। वह एक टेस्ट में लगातार 131 गेंदों में एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान रखते है। बापू नाडकर्णी ने 58 साल पहले आज (12 जनवरी, 1964) ही के दिन यह कारनामा किया था। आइए जानते है कंजूस गेंदबाज से जुड़ी रोचक बातें…

कौन हा बापू नाडकर्णी?
पूर्व भारतीय टेस्ट ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का जन्म 4 अप्रैल 1993 को हुआ था। वह परिवार के साथ मुंबई में रहते थे। बापू नाडकर्णी ने करीब 13 साल तक भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला, जिसमें उनका रिकॉर्ड शानदार है। 86 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद उनका 17 जनवरी 2020 को मुंबई में निधन हो गया था।

अंग्रेजों को रनों को लिए तरसाया
बापू नाडकर्णी ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी की बदौलत मद्रास के नेहरू स्टेडियम में अंग्रेजों (इंग्लैंड क्रिकेट टीम) को एक-एक रन के लिए तरसा दिया था। यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना। उस पारी में उन्होंने कुल 32 ओवरों में 27 मेडन फेंके, जिनमें लगातार 21 मेडन ओवर थे और 5 रन ही दिए।बापू ने इस पारी में 0.15 के इकोनॉमी रन-रेट से रन खर्चे थे। जो कि आज भी क्रिकेट जगत में 10 से ज्यादा ओवर फेंकने वाले गेंदबाज के लिए बेस्ट रिकॉर्ड है। उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 32-27-5-0.।

मद्रास टेस्ट: बापू नाडकर्णी के चार स्पेल
पहला स्पेल: 3-3-0-0
दूसरा स्पेल: 7-5-2-0
तीसरा स्पेल: 19-18-1-0
चौथा स्पेल: 3-1-2-0

बापू नाडकर्णी का करियर रिकॉर्ड
बापू नाडकर्णी ने 1955 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने इंटरनेशनल कैरियर की शुरुआत की थी। वे नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे। उनकी बाएं हाथ की फिरकी इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर गिरती थी। टेस्ट करियर में बापू की 1.67 रन प्रति ओवर की इकोनॉमी रही। इसके साथ ही बापू ने 41 टेस्ट खेले, 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और 88 विकेट झटके। मशहूर हुई तो उनकी किफायती गेंदबाजी। बैट्समैन को बांधकर रख देने की काबिलियत बापू नादकर्णी की पहचान थी। 17 जनवरी 2020 में 86 की उम्र में बापू नादकर्णी का निधन हो गया था।

बैट्समैन ओर फील्डर भी गजब के
आपको बता दें कि क्रिकेट के हर डिपार्टमेंट में माहिर बापू नाडकर्णी न सिर्फ अपने स्पिन से बल्लेबाजों का बांधा, बल्कि उनकी बल्लेबाजी भी गजब की थी। वे एक हिम्मती फील्डर भी थे, जो फील्ड पर बल्लेबाज के सामने खड़े होते थे, साथ ही बापू ने इंग्लैंड के खिलाफ 1963-64 सीरीज में कानपुर में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था। बापू नाडकर्णी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के दौरान कुल 500 निकाले।
