जनवरी की एक और ऐतिहासिक घटना, इस माह ही मोर को मिला था राष्ट्रीय पक्षी का खिताब
national bird: मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी जिसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। जिसका नाम सुनते ही रंग-बिरंगे पंखों वाला एक खूबसूरत पक्षी मोर का नाम सुनते ही सिर पर ताज लिए नाचता हुआ दिखाई देता है। जब मोर अपने पंख फैलाकर नाचता है तो देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मोर के …
national bird: मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी जिसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। जिसका नाम सुनते ही रंग-बिरंगे पंखों वाला एक खूबसूरत पक्षी मोर का नाम सुनते ही सिर पर ताज लिए नाचता हुआ दिखाई देता है। जब मोर अपने पंख फैलाकर नाचता है तो देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। मोर सर्वाहारी पक्षी है। हमारे पड़ोसी देश म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है। ‘फैसियानिडाई’ परिवार के सदस्य मोर का वैज्ञानिक नाम ‘पावो क्रिस्टेटस’ है। अंग्रेजी भाषा में इसे ‘ब्ल्यू पीफॉउल’ अथवा ‘पीकॉक’ कहते हैं।

केवल मोर की सुंदरता के कारण ही नहीं बल्कि इसके पीछे कई कारण थे कि भारत मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुना, पड़ोसी देश म्यानमार का भी राष्ट्रीय पक्षी मोर ही है। राष्ट्रीय पक्षी चुन्ने के पीछे और भी कई पक्षियों पर चर्चा की गई थी जिसमें सारस, हंस जैसे पक्षियों के नाम शामिल हैं, मगर इसके लिए यह मांग थी कि एक ऐसा पक्षी जो देश के सभी हिस्सों में पाया जाना चाहिए, और हर व्याक्ति इसे आसानी से पहचान सके। सरकारी पब्लिकेशन में डिफेक्ट किया जा सके, व हिंदू मान्यताओं में भी इसका महत्व होना चाहिए।
मोर को राजा-महाराजा भी खूब पसंद करते हैं। प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में जो सिक्के चलते थे उनके एक तरफ मोर होता था। मुगल बादशाह शाहजहां जिस सिंहासन पर विराजमान था वह मोर के रूप में था। दोनों मोर के बीच में सम्राट का सिंहासन था और मोर के पीछे अपने पंख फैलाए हुए थे। हीरों और पन्ने से जड़ित इस सिंहासन का नाम ‘तख्त-ए-तौस’ रखा गया। मोर को लेकर जनता में कई कहावतें और लोककथाएं प्रचलित हैं।
